“भारत का हेड कोच बनना चुनौतीपूर्ण नहीं है…”, वीरेंद्र सहवाग ने आखिर क्यों दिया ऐसा बयान…?
म ने हाल ही में टी20 वर्ल्ड कप जीता है और खिलाड़ियों को अपनी भूमिका पता है- वीरेंद्र सहवाग
अद्यतन – सितम्बर 4, 2024 6:28 अपराह्न
टी20 वर्ल्ड कप 2024 के बाद गौतम गंभीर ने राहुल द्रविड़ को रिप्लेस कर तीनों फॉर्मेट में भारत के हेड कोच का कार्यभार संभाला है। हेड कोच के रूप गंभीर का कार्यकाल अब तक मिला-जुला रहा है। श्रीलंका दौरे के टी20 सीरीज में टीम इंडिया ने 3-0 से जीत दर्ज की थी। वहीं फिर वनडे सीरीज में 0-2 से हार झेलनी पड़ी।
इस बीच, हाल ही में पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने हेड कोच की भूमिका को लेकर अपनी राय रखी। सहवाग का मानना है कि यह जिम्मेदारी उतनी कठिन नहीं हैं, जितनी बाहर से लग सकती है। साथ ही उन्होंने वो कारण भी बताया जिसके चलते खिलाड़ियों को गौतम गंभीर की तुलना में अधिक बोझ होगा।
गंभीर उन सभी की मदद करने के लिए मौजूद हैं- वीरेंद्र सहवाग
वीरेंद्र सहवाग ने अमर उजाला को दिए गए इंटरव्यू पर बात करते हुए कहा,
मुझे नहीं लगता कि यह कोई चुनौतीपूर्ण रोल है क्योंकि इसमें अन्य प्रोफेशनल भी शामिल हैं। टीम ने हाल ही में टी20 वर्ल्ड कप जीता है और खिलाड़ियों को अपनी भूमिका पता है। गंभीर के आने से खिलाड़ियों को स्पष्टता मिलेगी। यह एक अतिरिक्त लाभ होगा। गंभीर के लिए चुनौतियां कम और खिलाड़ियों के लिए अधिक होंगी, क्योंकि अब उन्हें लगेगा कि टी20 वर्ल्ड कप के बाद उन्हें चैंपियंस ट्रॉफी या WTC फाइनल या वर्ल्ड कप जीतना है। लेकिन निश्चित रूप से, गंभीर उन सभी की मदद करने के लिए मौजूद हैं।
कभी भी टीम इंडिया के हेड कोच नहीं बनना चाहते हैं सहवाग
वीरेंद्र सहवाग ने आगे इस बात का खुलासा भी किया कि क्यों वह कभी इंडियन कोच की भूमिका को स्वीकार नहीं करेंगे। हालांकि, उन्होंने आईपीएल कोच बनने की इच्छा जताई है। बता दें, सहवाग 2014 और 2015 में पंजाब किंग्स का प्रतिनिधित्व करने के बाद 2016 से 2018 तक फ्रेंचाइजी के मेंटोर थे।
भारतीय क्रिकेट टीम के साथ तो नहीं, लेकिन अगर आईपीएल मुझे कोचिंग का मौका देता है, तो मैं निश्चित रूप से इस पर विचार कर सकता हूं। अगर मैं भारत का हेड कोच बन जाता हूं, तो मुझे उसी रूटीन पर लौटना होगा, जो मैंने 15 साल तक किया है। भारतीय टीम के लिए खेलने के लिए आपको साल में 8-9 महीने बाहर रहना पड़ता है। अगर मैं भारत का हेड कोच बन जाता हूं, तो अपने बच्चों से दूर रहना मेरे लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी। मैं अपने बच्चों को समय नहीं दे पाऊंगा। लेकिन हां, अगर आईपीएल में कोच या मेंटर की भूमिका उपलब्ध है, तो मैं इसे स्वीकार कर सकता हूं।