“मैं इंजरी और वर्कलोड मैनेजमेंट में विश्वास नहीं रखता”- हेड कोच बनते ही गौतम गंभीर ने अपने इस बयान से मचाई सनसनी

जुलाई 12, 2024

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“मैं इंजरी और वर्कलोड मैनेजमेंट में विश्वास नहीं रखता”- हेड कोच बनते ही गौतम गंभीर ने अपने इस बयान से मचाई सनसनी

टीम इंडिया को अगले महीने वनडे और T20I सीरीज के लिए श्रीलंका जाना है।

Gautam Gambhir (Photo Source: X)

टीम इंडिया के हेड कोच बनने के बाद पहली बार गौतम गंभीर ने प्लेयर्स के इंजरी और वर्कलोड मैनेजमेंट को लेकर अपना बयान दिया है। लेकिन इसको लेकर गंभीर ने बयान दिया है उसे सुनकर उन खिलाड़ियों को मिर्ची लग सकती है जो अक्सर चोटिल रहते हैं। मौजूदा समय में जिस तरह से रोज क्रिकेट खेला जा रहा है, उसको देखते हुए प्लेयर्स के इंजरी मैनेजमेंट और वर्कलोड मैनेजमेंट का जिक्र अकसर होता है।

हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि गंभीर के हेड कोच बनने के बाद भारतीय क्रिकेट में कुछ बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे, जिसमें से सबसे बड़ा बदलाव ये होगा कि खिलाड़ियों को मन मुताबिक ब्रेक नहीं मिल पाएगा।  टीम इंडिया को अगले महीने वनडे और टी20 इंटरनेशनल सीरीज में हिस्सा लेने के लिए श्रीलंका दौरे पर जाना है और यह हेड कोच गौतम गंभीर का पहला असाइनमेंट होगा।

इंजरी और वर्कलोड मैनेजमेंट को लेकर गौतम गंभीर ने दिया बड़ा बयान

श्रीलंका सीरीज के शुरू होने से ठीक पहले गंभीर ने साफ तौर पर कहा है कि कोई खिलाड़ी अगर चोटिल होता है, तो वह रिकवर होकर वापसी कर सकता है, लेकिन उसे इंजरी और वर्कलोड मैनेजमेंट के नाम पर बार-बार ब्रेक नहीं दिया जाएगा। टीम इंडिया के नए हेड कोच गौतम गंभीर ने स्टार स्पोर्ट्स पर कहा, ‘देखिए एक चीज को लेकर मेरा विश्वास बहुत ज्यादा है कि अगर आप खेल सकते हैं, तो आपको तीनों फॉर्मेट में खेलना चाहिए।

मेरा विश्वास इंजरी मैनेजमेंट में नहीं रहा है, अगर आप चोटिल होते हैं, तो जाइये और रिकवर होकर आइये, यह एकदम सिंपल सी बात है। जब आप इंटरनेशनल क्रिकेट खेलते हैं, आप जितना कर सकते हैं आपको करना चाहिए। अगर आप किसी भी टॉप खिलाड़ी से पूछेंगे, वे तीनों फॉर्मेट खेलना चाहते हैं। वो रेड बॉल बॉलर या वाइट बॉल बॉलर का टैग नहीं चाहेंगे।

इंजरी किसी भी खिलाड़ी के करियर का हिस्सा होती है, अगर आप तीनों फॉर्मेट खेलते हैं और इंजर्ड होते हैं, तो आप वापस जा सकते हैं और रिकवर होकर टीम में आ सकते हैं। आपको तीनों फॉर्मेट खेलने चाहिए, मुझे इस पर ज्यादा विश्वास नहीं है कि आप कुछ खिलाड़ियों को सिर्फ टेस्ट के लिए रखें, कि हम इसकी इंजरी मैनेज करेंगे, हम इसका वर्कलोड मैनेज करेंगे।

देखिए एक प्रोफेशनल क्रिकेटर के तौर पर आपका करियर बहुत छोटा होता है, आप अपने देश के लिए खेल रहे हैं, तो आपको जितना ज्यादा हो सकते खेलना चाहिए। अगर आप बहुत अच्छी फॉर्म में हैं, तो तीनों फॉर्मेट खेलिए।’

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