महिला टी20 वर्ल्ड कप 2024 का 12वां मैच भारत और श्रीलंका के बीच खेला गया। दोनों टीमों के बीच यह मैच दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में हुआ था। इस मैच में भारत की स्मृति मंधाना और कप्तान हरमनप्रीत कौर ने दमदार अर्धशतक जड़े। साथ ही शेफाली वर्मा के खेल के दम पर भारत ने 20 ओवर में 172 रन बनाए। इसके बाद भारत ने शानदार गेंदबाजी और फील्डिंग के दम पर श्रीलंका को आसानी से हरा दिया और 82 रनों से मैच जीत लिया।
हरमनप्रीत कौर ने 10 अक्टूबर को दुबई अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम (डीआईसीएस) में आईसीसी महिला टी 20 विश्व कप के ग्रुप ए के मुकाबले में श्रीलंका पर भारत की शानदार जीत का श्रेय शेफाली वर्मा और स्मृति मंधाना को दिया है।
शेफाली और स्मृति की सलामी जोड़ी ने 12.4 ओवर में 98 रन जोड़कर भारत को करो या मरो वाले मुकाबले में ठोस शुरुआत दिलाई थी। स्मृति दोनों सलामी बल्लेबाजों में अधिक आक्रामक रहीं और उन्होंने 38 गेंदों पर चार चौकों और एक छक्के की मदद से तेजी से अर्धशतक जड़ा।
शेफाली ने भी अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी की झलक दिखाई। दाएं हाथ की इस महिला बल्लेबाज ने 40 गेंदों पर चार चौकों की मदद से 43 रन बनाए और 107.50 की स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी की।
भारत के सलामी बल्लेबाजों ने शुरुआत में समय लिया और फिर श्रीलंकाई गेंदबाजों पर जमकर प्रहार किया। पावरप्ले के दौरान स्मृति को गेंद को टाइम करने में दिक्कत हो रही थी, लेकिन दूसरे छोर पर मौजूद उनकी जोड़ीदार ने जब रन बनाने के मौकों का फायदा उठाना शुरू किया तो वह लय में आ गईं।
कप्तान हरमनप्रीत कौर ने टीम की जीत पर दिया बयान
हरमनप्रीत ने मैच के बाद कहा, “हम बस उसी लय में खेलना चाहते थे, शेफाली और स्मृति ने हमें अच्छी शुरुआत दी। जीत का श्रेय उन्हें जाता है। वे पिच पर मौजूद थीं, उन्होंने समझदारी से काम लिया और विकेट नहीं गंवाया।”
उल्लेखनीय है कि हरमनप्रीत ने मात्र 27 गेंदों पर 52* रनों की तूफानी पारी खेली और आईसीसी महिला टी-20 विश्व कप में किसी भारतीय द्वारा बनाए गए सर्वकालिक सबसे तेज अर्धशतक का नया रिकॉर्ड बनाया और उन्हें उनकी शानदार पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड भी मिला।
आईसीसी महिला टी20 विश्व कप में किसी भारतीय द्वारा सबसे तेज अर्धशतक का रिकॉर्ड पहले स्मृति के नाम था। स्मृति ने 2018 में आईसीसी महिला टी20 विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 31 गेंदों में अर्धशतक बनाया था। लेकिन, हरमनप्रीत ने दुबई में 27 गेंदों पर अर्धशतक बनाकर स्मृति का रिकॉर्ड तोड़ दिया और अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करा लिया।
अपनी पारी के बारे में बताते हुए भारतीय कप्तान ने कहा
“जेमी और मैं, हम सिर्फ सात-आठ रन प्रति ओवर बनाना चाहते थे। यह उन दिनों में से एक था जब मैं अपने क्षेत्र में थी, जब भी गेंद मेरे क्षेत्र में होती थी, मैं जोर से खेलती थी। मैं सिर्फ सकारात्मक चीजों के बारे में सोच रही थी। यह विकेट बल्लेबाजी के लिए सही नहीं था, आपको स्ट्राइक रोटेट करते रहना होता है। एक बार जब गेंद आपके क्षेत्र में आ जाती है तो आप उस पर आगे बढ़ सकते हैं। ऐसा नहीं है कि आप बल्ले को घुमाते रह सकते हैं। हम वहाँ थे और हमने विकेट नहीं गंवाया। टीम के लिए वाकई बहुत खुश हूँ।”