आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 फरवरी महीने में खेला जाएगा। यह महत्वपूर्ण टूर्नामेंट पाकिस्तान में आयोजित किया जाएगा। इस शानदार टूर्नामेंट में कुल 8 टीमें आपस में भिड़ेंगी। बता दें, आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की शुरुआत 19 फरवरी से कराची में होगी और इसका फाइनल मुकाबला 9 मार्च को लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में खेला जाएगा।
इस टूर्नामेंट के लिए कुल तीन वेन्यू को शॉर्टलिस्ट किया गया है। हालांकि इसकी भी उम्मीद है कि यह कंपटीशन पाकिस्तान के अलावा कोई दूसरे देश में होस्ट किया जाए। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में खेलने के लिए पाकिस्तान का दौरा नहीं करेगा। अभी तक इसको लेकर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की ओर से कोई भी बयान नहीं आया है लेकिन चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के वेन्यू में बदलाव देखने को मिल सकता है। इसमें श्रीलंका या UAE बैकअप वेन्यू में शामिल किया जा सकते हैं।
इसको लेकर पाकिस्तान के दिग्गज तेज गेंदबाज हसन अली ने अपना पक्ष रखा है। हसन अली के मुताबिक अगर भारत चैंपियन ट्रॉफी 2025 के लिए पाकिस्तान का दौरा नहीं करता है तो यह इवेंट उनके बिना ही आयोजित किया जाना चाहिए।
हसन अली ने समा टीवी पर कहा कि, ‘अगर हम भारत जाकर खेल रहे हैं तो उन्हें भी पाकिस्तान आना चाहिए। बहुत से लोगों ने यह कई बार कहा है कि खेल को राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए। लेकिन अगर आप इसे अलग नजरिए से देखें तो कई भारतीय खिलाड़ियों ने यह इंटरव्यू में कहा है कि उन्हें भी पाकिस्तान में खेलना है। इसका मतलब यह नहीं है की टीम वहां आना नहीं चाहती। सभी खिलाड़ी ऐसा चाहते हैं लेकिन राजनीति देश और बोर्ड ऐसा नहीं होने दे रहे हैं।’
अगर भारत नहीं आना चाहता है तो हमें उनके बिना चैंपियंस ट्रॉफी खेलना चाहिए: हसन अली
हसन अली ने आगे कहा कि, ‘जैसे हमारे पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष ने यह कह दिया है कि अगर चैंपियंस ट्रॉफी पाकिस्तान में आयोजित किया जाएगा तो यह यहीं पर ही होगा। पाकिस्तान के अलावा इस टूर्नामेंट को किसी दूसरे देश को होस्ट नहीं करना चाहिए। अगर भारत को नहीं आना है तो हमें उनके बिना खेलना होगा। क्रिकेट पाकिस्तान में ही खेला जाना चाहिए और अगर भारत को यहां भाग नहीं लेना है तो इसका मतलब यह नहीं है कि क्रिकेट पूरी तरह से खत्म हो चुका है। भारत के अलावा भी और भी टीमें है।’
बता दें, भारत ने अंतिम बार पाकिस्तान का दौरा 2008 में किया था। एशिया कप 2023 पाकिस्तान में आयोजित किया जाना था लेकिन भारत ने यहां ट्रैवल करने से मना कर दिया। हालांकि इसके बाद यह टूर्नामेंट हाइब्रिड मॉडल के तहत खेला गया। भारत ने अपने सभी मैच श्रीलंका में खेले और यह टूर्नामेंट अपने नाम किया।