अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच एकमात्र टेस्ट की शुरुआत 9 सितंबर से हो गई है। बारिश की वजह से इस टेस्ट के पहले दिन का खेल शुरू नहीं हो पाया था। यही नहीं एकमात्र टेस्ट के दूसरे दिन का खेल भी गीली आउटफील्ड और ग्रेटर नोएडा के ग्रेटर नोएडा स्पोर्ट्स कंपलेक्स ग्राउंड में खराब सुविधा की वजह से अभी तक शुरू नहीं हो पाया है।
ग्रेटर नोएडा स्पोर्ट्स कंपलेक्स ग्राउंड में आधुनिक सुविधाओं की कमी और अनुभवहीन मैदानकर्मियों को मैदान तैयार करने में संघर्ष करना पड़ा है। इसी को लेकर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना की जा रही है। बता दें, सोमवार यानी 9 सितंबर को भी बहुत ही कम देर के लिए बारिश हुई थी और उसके बाद भी मैच की शुरुआत अभी तक नहीं हो पाई है। ऐसी भी रिपोर्ट सामने आ रही है कि इन दोनों टीमों के बीच दूसरे दिन का खेल होना भी बहुत ही मुश्किल लग रहा है।
मैच को शुरू करने के लिए अंपायरों ने 9 सितंबर को पूरे दिन में 6 बार मैदान और पिच का निरीक्षण किया था। न्यूजीलैंड के कप्तान टिम साउदी, ऑलराउंडर मिचेल सेंटनर और रचिन रविंद्र समेत बाकी खिलाड़ियों ने भी मैदान का जायजा लिया, लेकिन मिड-ऑन और मिड विकेट खेलने के लिए अच्छा नहीं लग रहा था, जबकि मैदान के 30 गज के घेरे के अंदर भी कई पैच दिखाई दे रहे थे। हालांकि, धूप निकलने के बाद एक बार तो लगा कि मैच शुरू हो सकता है लेकिन अंपायरों ने आखिर में माना कि इस तरह की पिच और मैदान पर 9 सितंबर को मैच नहीं हो सकता है।
यही वजह है कि पहले दिन का खेल शुरू नहीं हो पाया था। दूसरे दिन मौसम साफ रहा है लेकिन इसके बावजूद दोनों टीमों के खिलाड़ी मैच के शुरू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
बीसीसीआई को सोशल मीडिया पर लगी जमकर फटकार
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड दुनिया के सबसे अमीर बोर्ड में से एक है। सोशल मीडिया पर तमाम लोगों का यही कहना है कि अगर यह मैदान पूरी तरीके से मैच के लिए ठीक नहीं था तो इसे क्यों वेन्यू के रूप में घोषित किया गया है।
बता दें, यह दोनों टीमों के बीच खेला जा रहा पहला टेस्ट मैच है। खेल के पहले दिन के रद्द होने के बाद अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड यानी एसीबी के एक अधिकारी ने कहा था कि यहां बहुत गड़बड़ी है, हम यहां कभी वापस नहीं आएंगे। खिलाड़ी भी यहां की सुविधाओं से नाखुश हैं। उन्होंने कहा कि हमने संबंधित लोगों से पहले ही बात कर ली थी और स्टेडियम के लोगों ने हमें आश्वासन दिया था कि मीडिया सुविधाओं के संबंध में सब कुछ ठीक रहेगा। हालांकि हमें सिर्फ यहां निराशा देखने को मिली है।