BGT 2024-25: भारतीय क्रिकेट टीम के युवा बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल (Yashavi Jaiswal) ने मेलबर्न में खेले गए चौथे टेस्ट मैच के 5वें दिन कमाल का प्रदर्शन किया। खेल के आखिरी दिन ऑस्ट्रेलिया से मिले बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत को किसी ऐसे खिलाड़ी की तलाश थी, जो भारतीय पारी को एंकर कर सके।
तो वहीं टीम इंडिया में इस भूमिका को जायसवाल ने शानदार तरीके से निभाया। हालांकि, दूसरी छोर से लगातार विकेट गिर रहे थे, लेकिन सैम कोंटास और एलेक्स कैरी की लगातार स्लेजिंग के बावजूद, युवा खिलाड़ी दृढ़ दिख रहा था, और टीम के लिए रन बनाता रहा।
हालांकि, भारतीय पारी के 71वें ओवर के दौरान, एक गेंद पर पुल शाॅट खेलते हुए वह बीट हो गए। इसके बाद अंपायर ने खिलाड़ी को नाॅट-करार दिया, लेकिन पैट कमिंस की अपील पर इस फैसले को रिव्यू किया गया। रिव्यू में ऐसा लग रहा था कि गेंद स्पष्ट रूप से उनके बल्ले और दस्तानों के स्टीकर से संपर्क कर रही थी, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से स्निको पर कोई स्पाइक नहीं था।
हालांकि, इसके बाद थर्ड अंपायर Sharfuddoula ने तकनीक के आधार के बजाए, दृश्य साक्ष्य के आधार पर ऑन-फील्ड कॉल को खारिज करने का फैसला किया, जिससे विवाद खड़ा हो गया। अंपायर के इस फैसले के बाद जायसवाल को 84 रनों के व्यक्तिगत स्कोर पर आउट होकर पवेलियन जाना पड़ा।
फैसले के वक्त तीसरे अंपायर ने क्लिप को कई बार देखा और भले ही स्निको ने उनके रुख का समर्थन नहीं किया, लेकिन उन्होंने उसे आउट देने का फैसला किया, क्योंकि अंपायर आश्वस्त था कि गेंद वास्तव में जयसवाल के बल्ले से टकराई और फिर दिशा बदली थी।
Simon Taufel ने दी प्रतिक्रिया
दूसरी ओर, अब इस विवादित फैसले पर पूर्व अंपायर Simon Taufel ने प्रतिक्रिया दी है। 7Cricket के हवाले से पूर्व अंपायर ने कहा- मेरे नजरिए से यह आउट था। आखिर में थर्ड अंपायर ने फैसला लिया। तकनीकी प्रोटोकॉल के साथ, हमारे पास एक हेरारकी है। जब अंपायर को बल्ले से स्पष्ट विक्षेपण दिखाई देता है, तो मामले को साबित करने के लिए आगे जाने और तकनीक के किसी अन्य रूप का उपयोग करने की कोई आवश्यकता नहीं है। गेंद का मूवमेंट एक स्पष्ट सबूत है।