Ipl मेगा ऑक्शन में क्यों हुए हैं इतने बदलाव, चेयरमैन अरुण धूमल ने दिए सभी सवालों के जवाब

सितम्बर 30, 2024

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Arun Dhumal (Image Credit- Twitter X)

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) गवर्निंग काउंसिल ने शनिवार, 28 सितंबर को जारी एक मीडिया बयान में विशेष रूप से विदेशी खिलाड़ियों के संबंध में कुछ सख्त नियम पेश किए हैं। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने रिटेंशन नियमों और वेतन स्लैब को परिभाषित किया है। आईपीएल टीमें. इसने नीलामी में गड़बड़ी को लेकर विदेशी खिलाड़ियों के लिए संभावित दो साल का निलंबन नियम भी पेश किया है, जिसके कारण हाल के वर्षों में टीमों को नुकसान उठाना पड़ा है।

बीसीसीआई ने हाल ही में प्लेयर रिटेंशन और अन्य चीजों को लेकर घोषणा की है। 6 खिलाड़ियों के रिटेन करने, खिलाड़ी की वैल्यू 18,14,11,18 और 14 करोड़ किए जाने, विदेशी खिलाड़ियों पर बैन और इम्पैक्ट प्लेयर रूल को लेकर अरुण धूमल ने बताया है कि लीग की बेहतरी और सभी टीमों को ध्यान में रखकर ये फैसले लिए गए हैं।

IPL रिटेंशन नियम को लेकर अरुण धूमल ने दिया बड़ा बयान

अरुण धूमल ने इंडियन एक्सप्रेस को एक इंटरव्यू में बताया कि इस बार मेगा ऑक्शन से पहले रिटेन करने वाले खिलाड़ियों की रकम में इसलिए बढ़ोतर की गई है, ताकि सभी फ्रेंचाइजियों के पास अच्छी टीम बनाने का मौका हो। उन्होंने कहा, “विचार यह था कि सभी फ्रेंचाइजियों को समान अवसर दिए जाएं। मान लीजिए कि अगर किसी फ्रैंचाइजी के पास बहुत अच्छी टीम है और वह उन्हें रिटेन करना चाहती है, तो उन खिलाड़ियों की औसत कीमत एक जैसी होगी। ऐसा नहीं हो सकता कि सबसे अच्छे खिलाड़ी को 18 करोड़ रुपये मिलें और जिस पांचवें खिलाड़ी को टीम रिटेन करना चाहती है, उसे 5-6 करोड़ रुपये दिए जाएं।”

धूमल ने ये भी कहा है कि खिलाड़ी की असली वैल्यू कई बार ऑक्शन में पता चलती है। उन्होंने आगे इस सवाल का जवाब भी दिया कि खिलाड़ियों के लिए मैच फीस इसलिए तय की गई है, ताकि जो खिलाड़ी कम कीमत पर बिकते हैं और ज्यादा मैच खेलते हैं, उनको ज्यादा पैसे मिलने चाहिए। अरुण धूमल ने ये भी कहा कि किसी अनकैप्ड प्लेयर को आपको रिटेन करना है तो उसे 4 करोड़ रुपये मिलने चाहिए, क्योंकि उस खिलाड़ी को तभी आप रिटेन करना चाहते हैं, जब उसमें कुछ प्रतिभा है। इम्पैक्ट प्लेयर नियम को लेकर धूमल ने कहा है कि इससे टूर्नामेंट रोमांचक हुआ है और बड़े स्कोर बने हैं। लोग कहते हैं कि ऑलराउंडर्स को मौका नहीं मिल रहा, लेकिन जो टॉप ऑलराउंडर हैं, वह तो खेल रहे हैं, जैसे कि रविंद्र जडेजा और सुनील नारायण।

अरुण धूमल ने आगे खिलाड़ियों के टूर्नामेंट छोड़ने पर उनको बैन किए जाने पर कहा, “हमने पाया है कि कई बार खिलाड़ी मेगा ऑक्शन के लिए खुद को उपलब्ध नहीं कराते, बल्कि मिनी ऑक्शन में आते हैं, ताकि उन्हें बेहतर कीमत मिल सके। हम यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि जो लोग मेगा ऑक्शन में आते हैं, उन्हें नुकसान ना हो। अगर उन्हें ऑक्शन में चुना जाता है, लेकिन वे किसी तरह खुद को उपलब्ध नहीं कराते हैं, तो उन्हें इसके लिए उचित कारण बताने होंगे। ऐसा इसलिए है, क्योंकि फ्रैंचाइजी के मालिक और टीम टूर्नामेंट के लिए एक बेहतरीन टीम उपलब्ध कराने के लिए विस्तार से काम कर रहे होते हैं और हर खिलाड़ी अहम होता है। अगर वह उपलब्ध नहीं होता है तो टीम पर असर पड़ता है। आखिरकार यह एक टीम गेम है। इसलिए विचार यह है कि उन्हें अपनी 100 प्रतिशत प्रतिबद्धता दिखाने की जरूरत है।”

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