
भारतीय क्रिकेट के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर और महेंद्र सिंह धोनी ने अपने करियर में जिस मुकाम को हासिल किया, उस तक पहुंचना हर एक युवा खिलाड़ी का सपना है। मास्टरब्लास्टर तेंदुलकर ने अपने करियर में कुल 100 शतक ठोके हैं, जिसका पीछा विराट कोहली कर रहे हैं और अब तक 82 तक पहुंचे हैं। एमएस धोनी भारत के लिए तीन आईसीसी खिताब जीतने वाले एकमात्र कप्तान है, यह उपलब्धि हासिल करना बहुत ही ज्यादा बड़ी चुनौती है।
सचिन तेंदुलकर ने भारत के लिए आखिरी मैच 14 नवंबर, 2013 को वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था और एक युग का अंत हुआ था। वहीं, धोनी ने अगस्त 2020 में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया था। सचिन इस वक्त इंटरनेशनल मास्टर्स लीग में वापस से अपने फैंस का मनोरंजन करते हुए नजर आ रहे हैं। जबकि धोनी जल्द ही आईपीएल 2025 में पीली जर्सी में नजर आने वाले हैं।
इस बीच, आज हम आपको सचिन तेंदुलकर और महेंद्र सिंह धोनी से जुड़ी एक बड़ी जानकारी देने वाले हैं। दोनों दिग्गजों को रिटायरमेंट के बाद भी बीसीसीआई से सैलरी क्यों मिलती है? इसके बारे में बताते हैं-
बीसीसीआई पेंशन योजना के बारे में जानें-
इंटरनेशनल स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके खिलाड़ियों के लिए बीसीसीआई के पास पेंशन प्रोग्राम है, जो पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली के कार्यकाल के दौरान वापस से अस्तित्व में आया। गांगुली ने 2022 में पेंशन स्ट्रक्चर में सकारात्मक बदलाव किया, जिससे पूर्व खिलाड़ियों को बीसीसीआई से मिलने वाली राशि में वृद्धि भी हुई। बीसीसीआई की नई पेंशन योजना पुरुष और महिला क्रिकेटरों दोनों की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाई गई है।
सचिन तेंदुलकर को पेंशन योजना के तहत कितने पैसे मिलते हैं?
बीसीसीआई के पेंशन योजना के तहत सचिन तेंदुलकर को हर महीने 70,000 रूपये मिलते हैं। उन्होंने भारत के लिए 200 टेस्ट, 463 वनडे और एक टी20 मैच खेला है।
महेंद्र सिंह धोनी को पेंशन योजना के तहत कितने पैसे मिलते हैं?
बीसीसीआई के पेंशन योजना के तहत महेंद्र सिंह धोनी को भी हर महीने 70,000 रुपये मिलते हैं। उन्होंने भारत का 90 टेस्ट, 350 वनडे और 98 टी20 मैच में प्रतिनिधित्व किया है।