Know What is a silent tie-breaker bid in IPL auction?: आईपीएल 2025 के लिए ऑक्शन के लिए तैयारियां अब अपने अंतिम पड़ाव पर है। तो वहीं आईपीएल के 18वें सीजन के लिए ऑक्शन 24 और 25 नवंबर को सऊदी अरब के जेद्दाह शहर में होने वाला है। इस ऑक्शन में कुल 333 खिलाड़ियों के ऊपर बोली लगती हुई नजर आने वाली है।
तो वहीं इस मेगा ऑक्शन के बीच क्रिकेट फैंस के बीच साइलेंट टाई-ब्रेकर बोली को लेकर काफी चर्चा देखने को मिल रही है। इस आर्टिकल में हम आपको इसी साइलेंट टाई-ब्रेकर बोली के बारे में बताने जा रहे हैं। तो चलिए शुरू करते हैं:
जानें क्या है साइलेंट टाई-ब्रेकर बोली
आईपीएल ऑक्शन में एक साइलेंट टाई ब्रेकर का भी नियम होता है। हालांकि, यह नियम काफी कम आता है। नियम के बारे में आपको बताएं तो साइलेंट टाई ब्रेकर का नियम साल 2010 से आईपीएल चलन में है। यह नियम उस वक्त काम आता है, जब कोई फ्रेंचाइजी किसी खिलाड़ी के लिए आखिरी बोली लगाती है, लेकिन इस दौरान उसका पर्स खत्म हो जाए।
इस दौरान उसकी बोली किसी दूसरी फ्रेंचाइजी की बोली से मैच कर जाती है, तब दोनों फ्रेंचाइजी से लिखित बोली देने को कहा जाता है। इसमें उन्हें आखिरी बोली से ऊपर दिए जाने वाली रकम के बारे में लिखना होता है। इसके बाद इस साइलेंट बोली में जिस टीम की रकम ज्यादा होती है, उसे खिलाड़ी मिल जाता है।
टाई ब्रेक की नीलामी का पैसा फ्रेंचाइजी को बीसीसीआई के देना पड़ता है, लेकिन यह पैसा फ्रेंचाइजी की पर्स वैल्यू ने नहीं कटता है। टाई ब्रेक बोली में रकम पर कोई पाबंदी नहीं होती है। अगर टाई ब्रेक बोली में भी दोनों फ्रेंचाइजी की रकम बराबर रहती है, तो यह प्रक्रिया तब तक दोहराई जाती है, जब तक कि किसी एक फ्रेंचाइजी की रकम दूसरे से ज्यादा न हो जाए।