
अफगानिस्तान के स्टार गेंदबाज राशिद खान ने अपने ही देश में घरेलू दर्शकों के सामने खेलने की इच्छा जताई है। अफगानिस्तान की क्रिकेट टीम ने हाल के कुछ वर्षों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। हालांकि, देश के राजनीतिक हालातों एवं इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के चलते अफगानिस्तान की धरती पर अंतर्राष्ट्रीय मुकाबला होना अभी तक संभव नहीं हो पाया है।
दुबई में एक आयोजन के दौरान 26 वर्षीय इस गेंदबाज ने अपने देश में खेलने के महत्व पर बात की। राशिद खान ने बताया कि, ‘अफगानिस्तान को 2017 में ही फुल मेंबर स्टेटस मिल गया था लेकिन, अभी तक उनकी अपने देश में खेलने की ख्वाहिश पूरी नहीं हो सकी है।
राशिद खान ने कहा, ‘पहले भी कई मैच अफगानिस्तान में आयोजित होने थे लेकिन, अब तक ऐसा हो नहीं पाया है। अब यह FTP (फ्यूचर टूर्स प्रोग्राम) में है लेकिन, ऐसा हो पाएगा कि नहीं, यह तभी पता चलेगा जब सही वक्त आएगा। उम्मीद है कि भविष्य में ऐसा होगा। यह क्रिकेट और अफगानिस्तान दोनों के लिए अच्छा होगा।’
राशिद खान ने आगे कहा, ‘अफगानिस्तान में अपने घरेलू दर्शकों के सामने खेलना, मेरे लिए एक सपना के पूरे होने जैसा है। मैं उम्मीद करता हूं कि, मेरे रिटायर होने से पहले यह सपना पूरा हो जाए और मैं अपने देश में, अपने लोगों के सामने अंतरराष्ट्रीय मैच खेल सकूं। उम्मीद है कि यह भविष्य में संभव होगा।
राजनीतिक फेरबदल का खेल पर असर
बता दें कि, आईसीसी की तरफ से अफगानिस्तान को पूर्ण सदस्य का दर्जा मिलने के बाद अफगानिस्तान ने भारत, यूएई, कतर और श्रीलंका में अपने घरेलू मुकाबले आयोजित किए हैं। अफगानिस्तान के राजनीतिक हालातों के चलते भी अन्य देशों की क्रिकेट टीमें अफगानिस्तान के दौरे से दूर रही हैं। साथ ही, तालिबानी शासन की वजह से महिलाओं की खेलों में हिस्सेदारी पर लगाए गए प्रतिबंधों को लेकर भी अफगानिस्तान को आलोचना का सामना करना पड़ता है।
भारत के ग्रेटर नोएडा में साल 2024 में अफगानिस्तान को न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट मैच खेलना था। लेकिन, खराब आउटफील्ड के चलते यह मैच बिना एक भी गेंद फेंके रद्द हो गया था।