
विराट कोहली की रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के साथ 18 साल की जर्नी, आधुनिक टी20 क्रिकेट में अटूट निष्ठा की एक दुर्लभ कहानी है। 2025 में आखिरकार आईपीएल ट्रॉफी उठाने के बाद उनका भावुक जश्न यह दर्शाता है कि यह जीत उनके और फ्रेंचाइजी के विशाल फैन बेस के लिए क्या मायने रखती थी। हालांकि, यह एक दिलचस्प सवाल खड़ा करता है कि क्या होता अगर कोहली पांच बार की चैंपियन मुंबई इंडियंस के लिए खेले होते?
अगर 37 वर्षीय विराट कोहली मुंबई इंडियंस के सेटअप का हिस्सा होते, तो उनके करियर का ग्राफ शायद बहुत अलग दिखता। एक ऐसी शक्तिशाली और सशक्त टीम की कल्पना कीजिए जिसमें विराट कोहली के साथ रोहित शर्मा, हार्दिक पंड्या, सूर्यकुमार यादव और जसप्रीत बुमराह जैसे आधुनिक दिग्गज शामिल हों। ऐसी टीम लगभग अजेय होती और कोहली के नाम अब तक कई आईपीएल खिताब होते, जिससे उनकी ट्रॉफी कैबिनेट और भी जगमगाती होती।
विरासत और आर्थिक पक्ष पर प्रभाव
पैसे के मामले में, ‘कोहली-रोहित’ की जोड़ी मुंबई के लिए एक सुनहरा मौका होती। दोनों का स्टारडम मिलकर टीम की कीमत को अलग ऊंचाइयों पर पहुंचा देता और टीम एक बिजनेस पावरहाउस बन जाती। खबरें हों या विज्ञापन, हर जगह इसी जोड़ी का दबदबा होता।
हालांकि, सफलता को केवल चैंपियनशिप से नहीं मापा जाता है। आरसीबी में, कोहली फ्रेंचाइजी का सबसे महत्वपूर्ण अंश तथा टीम का चेहरा रहे हैं। उन्होंने प्रशंसकों के साथ एक गहरा, भावनात्मक संबंध बनाया, और नारा “ई साला कप नमदे” उनके साझा सपने और जीत की अथक खोज का महत्वपूर्ण प्रतीक बन गया। विराट के आरसीबी के प्रति लगाव को देख इस बात का पता चलता है कि वे इस टीम से कितना जुड़े रहे हैं तथा सभी प्रशंसकों के दिलों में इसके कितने मायने हैं।
मुंबई इंडियंस में जाने से अधिक सामूहिक सफलता और खिताब अवश्य मिल सकते थे, परंतु रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु में कोहली की विरासत बहुत गहरी रही है। निष्ठा, दृढ़ता और प्रशंसकों के साथ एक अटूट बंधन, यह सब कोहली को बेंगलुरु का चहेता बनाती है। बेंगलुरु में उनकी यात्रा, जिसमें 2025 की विजय भी शामिल है, उसने एक प्रतिष्ठित कहानी बनाई, जो शायद मुंबई इंडियंस के सितारों से भरे माहौल में संभव नहीं होती।
विराट हमेशा से ही बेंगलुरु के साथ जुड़े रहे हैं और दूसरी तरफ रोहित ने भी मुंबई को अनंत खिताब और पुरस्कारों जितावाएं हैं। दोनों ही खिलाड़ियों की यह अपनी निजी कहानी शायद इसलिए संभव हो पाई क्योंकि उन्होंने आईपीएल में अलग-अलग टीमों का हिस्सा होते हुए अपनी टीमों के संग नए इतिहास तथा कीर्तिमान रचे। इसके बावजूद कई फैंस को विराट और रोहित, दोनों खिलाड़ियों को आईपीएल में एक साथ खेलते देखने की आशा सदैव बरकरार रहेगी जिसका आईपीएल में मुमकिन हो पाना शायद संभव न हो।









