जारी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ट्रैविस हेड एकमात्र ऐसे ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज हैं जिन्होंने भारतीय गेंदबाजों को लगातार चुनौती दी है। यह पहली बार नहीं है जब उनकी बल्लेबाजी ने भारत को परेशान किया है, उन्होंने पिछले साल आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल और वनडे वर्ल्ड कप फाइनल के दौरान भारत की हार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
सीरीज की अपनी पहली पारी में 11 रन पर आउट होने के बाद हेड ने अपने अगले तीन मैचों में 89, 140 और 152 रन बनाए हैं। उन्होंने गुलाबी गेंद के टेस्ट में अहम भूमिका निभाई थी जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने 10 विकेट से जीत दर्ज कर 1-1 से बराबरी हासिल की थी। पूर्व भारतीय क्रिकेटर रवि शास्त्री ने मजाकिया अंदाज में हेड को लेकर कहा कि मेहमान टीम इस ‘सिरदर्द’ के लिए दवा ढूंढना चाहेगी।
Travis Head को लेकर Ravi Shastri ने दिया बड़ा बयान
ICC रिव्यू शो में रवि शास्त्री ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि वह (हेड) बहुत स्मार्ट है। मैंने उन्हें तीन साल पहले देखा था लेकिन अब लगता है कि उनमें काफी सुधार हुआ है। विशेष रूप से वह जिस तरह ‘शॉर्ट बॉल’ को खेलते हैं। वह इसे छोड़ने के लिए तैयार रहते हैं। उन्होंने कई बार इसे अच्छी तरह छोड़ना भी सीख लिया है।’’
पूर्व भारतीय कोच ने कहा कि गेंद की ‘लाइन एवं लेंथ’ को जल्दी से परखने की क्षमता हेड को सही स्ट्रोक खेलने का समय देती है। शास्त्री ने कहा, ‘‘ऐसा नहीं है कि हमेशा शॉर्ट गेंद पर बड़ा शॉट लगाना होता है। वह या तो इसे छोड़ने या बड़े शॉट लगाने के लिए तैयार रहते हैं। और अगर गेंद मिडिल या ऑफ स्टंप है, तो वह इसे स्क्वायर के सामने भी मारते हैं।”
शास्त्री ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि भारत ट्रैविस नामक ‘सरदर्द’ के लिए मरहम की तलाश कर रहा है। शास्त्री ने कहा, ‘‘उनका नया उपनाम ट्रैविस ‘हेड’‘एक’ (इंग्लिश में सरदर्द) है।” उन्होंने कहा कि, ‘‘वे भारत में उनके लिए मरहम की तलाश कर रहे हैं। पैर की समस्याओं, टखने की समस्याओं (और) यहां तक कि सिरदर्द के लिए वे मरहम की तलाश कर रहे हैं। वह इसके लिए आदर्श है।