हरियाणा के तेज गेंदबाज अंशुल कंबोज ने शुक्रवार को रणजी ट्रॉफी के इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया है। वो 39 साल के बाद पहली बार एक पारी में सभी 10 विकेट लेने वाले पहले गेंदबाज बन गए। शुक्रवार को लाहली के चौधरी बंसी लाल क्रिकेट स्टेडियम में हरियाणा और केरल के बीच मैच में उन्होंने यह उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की।
कम्बोज इस शानदार उपलब्धि को हासिल करने वाले टूर्नामेंट के ऐतिहासिक इतिहास में केवल तीसरे गेंदबाज हैं। 23 वर्षीय गेंदबाज ने अपनी बेहतरीन बॉलिंग से केरल की बल्लेबाजी लाइन-अप को तहस-नहस कर दिया। उन्होंने अपने स्पेल में 49 रन देकर सभी 10 विकेट अपने नाम किए, जिसने केरल को उनकी पहली पारी में 291 रनों पर रोक दिया।
अंशुल से पहले बंगाल के प्रेमंगशु चटर्जी ने 1956 में असम के खिलाफ 20 रन देकर 10 विकेट लिए थे। वहीं राजस्थान के प्रदीप सुंदरम ने 1985 में विदर्भ के खिलाफ 78 रन देकर यह कारनामा किया था। ओवरऑल फ़र्स्ट क्लास क्रिकेट में कंबोज 10 विकेट लेने वाले छठे भारतीय गेंदबाज हैं। उनसे पहले दिग्गज स्पिनर अनिल कुंबले, सुभाष गुप्ते और देबाशीष मोहंती ये कारनामा कर चुके हैं।
इसके अलावा हरियाणा के लिए खेलते हुए यह किसी भी गेंदबाज द्वारा बनाया गया सबसे अच्छा गेंदबाजी फिगर है। इससे पहले जोगिंदर शर्मा ने 2004/05 सत्र में विदर्भ के खिलाफ आठ विकेट लिए थे।
रणजी ट्रॉफी इतिहास में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजीआंकड़े:
10/20 – प्रेमांगशु चटर्जी – बंगाल बनाम असम (1956-57)
10/49 – अंशुल कंबोज – हरियाणा बनाम केरल (2024-25)
10/78 – प्रदीप सुंदरम – राजस्थान बनाम विदर्भ (1985-86)
भारत के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट में पारी में बेस्ट गेंदबाजी प्रदर्शन
10/20 – प्रेमांशु चटर्जी (1957)
10/46 – देबासीस मोहंती (2001)
10/49- अंशुल कंबोज * (2024)
10/74 – अनिल कुंबले (1999) – टेस्ट
10/78 – प्रदीप सुंदरम (1985)
10/78 – सुभाष गुप्ते (1954)
कौन है ये अंशुल कंबोज (Anshul Kamboj)
हरियाणा के करनाल में जन्मे कंबोज दाएं हाथ के तेज गेंदबाज होने के साथ-साथ दाएं हाथ के बल्लेबाज भी हैं। वह 2023-24 विजय हजारे ट्रॉफी के दौरान खबरों में आए, जब उन्होंने 10 मैचों में 17 विकेट लिए थे। हाल ही में उन्होंने दलीप ट्रॉफी में इंडिया सी के लिए खेलते हुए पारी में 8 विकेट लिए थे, टूर्नामेंट के इतिहास में ऐसा करने वाले वह तीसरे खिलाड़ी बने थे।