
किसी भी क्रिकेटर की गतिविधियां, चाहे मैदान पर हों या मैदान के बाहर, लगातार लोगों की नजरों में रहती हैं। जहां कई खिलाड़ियों ने अपने खेल से लाखों लोगों को प्रेरित किया है। तो वहीं, कुछ ने हत्या के आरोपों सहित गंभीर कानूनी पचड़ों में फंसकर अपनी प्रतिष्ठा को धूमिल भी किया।
कुछ पर अपहरण और हत्या जैसे हिंसक अपराधों में शामिल होने का आरोप लगाया गया, जिसके कारण गंभीर कानूनी मुकदमे हुए और यहां तक कि उन्हें मौत की सजा भी सुनाई गई। तो कौन थे ये 5 क्रिकेटर्स आइए जानते हैं:
5. लेस्ली हिल्टन

1954 में, हिल्टन को न्यूयॉर्क से एक बिना हस्ताक्षर वाला टेलीग्राम मिला जिसमें उनकी पत्नी के रॉय फ्रांसिस के साथ संबंध होने की सूचना दी गई थी। हिल्टन ने अपनी पत्नी से इस बारे में पूछा, तो पत्नी ने पहले तो इनकार किया, लेकिन जब हिल्टन ने दावा किया कि उसने फ्रांसिस को भेजी एक चिट्ठी पढ़ी है, तो उसने संबंध होने की बात कबूल कर ली। गुस्से में आकर हिल्टन ने उसे सात गोलियां मारी और फिर खुद पुलिस को बुला लिया। और 17 मई 1955 को उन्हें फांसी दे दी गई।
4. विपिन गिरि

महाराष्ट्र के पूर्व अंडर-19 क्रिकेटर विपिन गिरि को 9 नवंबर, 2012 को जागृति विहार निवासी 21 वर्षीय केशव का कथित तौर पर अपहरण और हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस अधीक्षक ओम प्रकाश गिरि के अनुसार, गिरि ने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर केशव का अपहरण किया, उसे बुलंदशहर जिले में ले गए, जहां उसे गोली मार दी और उसके शव को एक नहर में फेंक दिया। दो आरोपी अभी भी फरार हैं। केशव के पिता गोविंद पाल सिंह, जो सिंचाई विभाग के सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं, कथित तौर पर जमीन के विवाद को लेकर झगड़ रहे थे।
3. माइल्स गिफर्ड

कॉर्नवाल के लिए खेलने वाले पूर्व क्रिकेटर माइल्स विलियम गिफर्ड अपने माता-पिता की हत्या में शामिल थे। गिफर्ड का बचपन परेशानियों भरा रहा और उन्हें छोटी उम्र से ही मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझना पड़ा।
अपनी समृद्ध पृष्ठभूमि के बावजूद, माइल्स को संघर्ष करना पड़ा। सिजोफ्रेनिया की ओर इशारा करने वाले सबूतों के बावजूद, जूरी ने उसे दोषी ठहराने में सिर्फ 35 मिनट का समय लिया। माइल्स गिफर्ड को 1953 में फांसी दे दी गई। उन्होंने कभी कोई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेला।
2. नवजोत सिंह सिद्धू

पूर्व क्रिकेटर, कांग्रेस नेता और शैरी पा उपनाम से मशहूर नवजोत सिंह सिद्धू को 1988 के एक रोड रेज मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक साल की कैद की सजा सुनाई थी, जिसमें पटियाला में 65 वर्षीय गुरनाम सिंह की मौत हो गई थी। 27 दिसंबर, 1988 को सिद्धू और उनके दोस्त रूपिंदर सिंह संधू ने कथित तौर पर अपनी गाड़ी से सड़क जाम करने को लेकर हुए विवाद में गुरनाम सिंह पर हमला किया था।
इस हमले के बाद गुरनाम सिंह की बाद में मौत हो गई और फिर उनपर मामला दर्ज किया गया। इस बीच, सिद्धू को 1999 में बरी कर दिया गया, लेकिन पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने 2006 में फैसले को पलट दिया, तथा उन्हें दोषी करार देते हुए तीन साल की सजा सुनाई।
1. शाकिब अल हसन

बांग्लादेश के स्टार ऑलराउंडर शाकिब अल हसन का नाम ढाका के अदाबोर इलाके में 5 अगस्त 2024 को हुए भेदभाव विरोधी प्रदर्शनों के दौरान, कपड़ा मजदूर मोहम्मद रूबेल की मौत के सिलसिले में दर्ज एक हत्या के मामले में 156 अन्य आरोपियों के साथ नामित हैं।
रूबेल के पिता द्वारा दायर इस मामले में आरोप लगाया गया है कि तत्कालीन अवामी लीग सांसद शाकिब अल हसन और कुछ अन्य लोगों ने कई राजनीतिक नेताओं के आदेश पर प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाई थीं।









