
ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एशेज सीरीज का दूसरा टेस्ट 4 दिसंबर से ब्रिस्बेन में शुरू होगा। पहले टेस्ट में ट्रैविस हेड ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 83 गेंदों में 123 रन बनाए और ऑस्ट्रेलिया को जीत दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई। हेड अपनी बहुमुखी बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं वो ओपनिंग भी कर सकते हैं और मिडिल ऑर्डर में भी धमाल मचा सकते हैं।
हाल ही में हेड ने कहा कि बैटिंग ऑर्डर को लेकर होने वाली चर्चाएँ ज्यादा बढ़ा चढ़ाकर पेश की जाती हैं। उन्होंने कहा कि बैटिंग ऑर्डर थोड़ा ओवररेटेड है। उनकी राय कप्तान पैट कमिंस के विचार से भी मिलती है।
जिन्होंने पिछले महीने कहा था कि बल्लेबाजी क्रम को लेकर बहुत ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं। हेड का मानना है कि टीम के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद क्या है, उसी हिसाब से खिलाड़ियों का इस्तेमाल होना चाहिए, चाहे वे किसी भी नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरें।
रणनीति के अनुसार बैटिंग क्रम बदलने पर जोर
हेड ने बताया कि बल्लेबाजी क्रम में बदलाव मैच की स्थिति और उपलब्ध खिलाड़ियों पर निर्भर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि दूसरे दिन पर्थ टेस्ट में ओपनिंग करना एक रणनीतिक फैसला था, जिसकी इंग्लैंड ने उम्मीद नहीं की थी। उस समय उस्मान ख्वाजा चोट की वजह से बल्लेबाज़ी करने नहीं आ सके और हेड ने बिना झिझक ओपनिंग की चुनौती स्वीकार की।
हेड ने कहा कि मैंने इंटरनेशनल क्रिकेट में पहले भी ओपनिंग की है, खासकर व्हाइट बॉल क्रिकेट में, इसलिए मेरे लिए यह मुश्किल नहीं था। पहले 30 गेंदों में मैंने अपनी रणनीति सेट की और फिर जैसे जैसे गेंदबाज प्लान बदलते गए, मैंने भी अपनी सोच बदल ली। उन्होंने कहा कि टीम लंबे समय से इस तरह की लचीलापन वाली रणनीति पर काम कर रही है और इसका उद्देश्य सिर्फ एक है मैच जीतना।
पिंक-बॉल डे नाइट टेस्ट पर बात करते हुए हेड ने कहा कि ब्रिस्बेन में यह फ़ॉर्मैट सफल रहा है और दर्शकों के लिए इसे देखना रोमांचक होता है। उन्होंने जो रूट की उस टिप्पणी को खारिज किया जिसमें कहा गया था कि एशेज में डे-नाइट टेस्ट की जरूरत नहीं। ट्रैविस हेड का मानना है कि आधुनिक क्रिकेट में लचीलापन ही सफलता की कुंजी है और बल्लेबाजों को परिस्थितियों के अनुसार किसी भी भूमिका में तैयार रहना चाहिए।









