Champions Trophy 2025: ECB ने इंग्लैंड के खिलाफ अफगानिस्तान मैच के बहिष्कार की ब्रिटिश नेताओं की याचिका को किया खारिज
हाल ही में आईसीसी ने आगामी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के शेड्यूल की घोषणा की थी जो पाकिस्तान और UAE में खेला जाना है।
अद्यतन – जनवरी 7, 2025 7:35 अपराह्न
ब्रिटिश राजनेताओं के एक ग्रुप ने फरवरी में होने वाले आगामी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के इंग्लैंड बनाम अफगानिस्तान मुकाबला का बहिष्कार करने का आग्रह किया था। दरअसल यह कदम देश में महिलाओं के अधिकारों पर तालिबान शासन के दबदबे के मद्देनजर उठाया गया है जो दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है।
उन्होंने अपनी सरकार द्वारा अफगानिस्तान की महिलाओं के साथ अनुचित व्यवहार के लिए असंतोष दिखाने के लिए एक समविनवत अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के नेतृत्व में प्रतिक्रिया भी आहान किया है। हाल ही में आईसीसी ने आगामी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के शेड्यूल की घोषणा की थी जो पाकिस्तान और UAE में खेला जाना है।
इंग्लैंड को अफगानिस्तान के खिलाफ लाहौर में 26 फरवरी को महत्वपूर्ण मैच खेलना है जो उनके इस टूर्नामेंट का दूसरा मैच है। इसके बाद लेबर सांसद टोनिया एंटोनियाजी ने इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड को 160 से अधिक राजनेताओं के क्रॉस-पार्टी समूह द्वारा हस्ताक्षरित एक पत्र लिखा।
ईसीबी के चीफ एग्जीक्यूटिव रिचर्ड गुल्ड ने कहा कि, ‘ईसीबी तालिबान शासन के तहत अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों के साथ व्यवहार की कड़ी निंदा करता है। आईसीसी संविधान कहता है कि सभी सदस्य देश महिला क्रिकेट की तरक्की और विकास के लिए प्रतिबद्ध है। ईसीबी ने अफगानिस्तान के खिलाफ किसी भी क्रिकेट मैच को शेड्यूल नहीं करने की अपनी स्थिति को बनाए रखा है।’
ईसीबी के चीफ एग्जीक्यूटिव ने दिया बड़ा बयान
रिचर्ड ने आगे कहा कि, ‘आईसीसी के अंदर आगे अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई को लेकर आम सहमति नहीं बन पाई है लेकिन ईसीबी इस तरह के उपायों की सक्रिय रूप से वकालत करना जारी रखेगा। एक समन्वित, आईसीसी-व्यापी दृष्टिकोण व्यक्तिगत सदस्यों द्वारा एकतरफा कार्रवाई की तुलना में काफी अधिक प्रभावशाली होगा।
देश से विस्थापित लोगों सहित कई अफगानों के लिए आशा और सकारात्मकता के स्रोत के रूप में क्रिकेट के महत्व को पहचानना महत्वपूर्ण है। ईसीबी एक समाधान खोजने के लिए प्रतिबद्ध है जो अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों को बनाए रखता है, जबकि अफगान लोगों पर व्यापक प्रभाव पर भी विचार करता है।
हम ब्रिटेन की सरकार, अन्य हितधारकों, आईसीसी और अन्य अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट बोर्ड के साथ रचनात्मक बातचीत करना जारी रखेंगे ताकि सार्थक बदलाव के लिए सभी संभावित रास्ते तलाशे जा सकें।’