
इंग्लैंड और भारत के बीच चौथे टेस्ट मैच के आखिरी घंटे में, मेजबान कप्तान बेन स्टोक्स ने क्रीज पर मौजूद बल्लेबाजों रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर से हाथ मिलाने और मैच ड्रॉ कराने का प्रस्ताव स्वीकार करने की पेशकश की। हालांकि, दोनों बल्लेबाज अपने-अपने शतक के करीब पहुंच चुके थे और उन्होंने मुस्करा कर स्टोक्स के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।
स्टोक्स ने हस्ते हुए पूछा, “क्या आप हैरी ब्रुक के खिलाफ शतक बनाना चाहते हैं?” जडेजा ने बस इतना कहा, “मैं कुछ नहीं कर सकता।” मुस्कुराते हुए जडेजा ने अपनी शालीनता बरकरार रखी और खेलना जारी रखा, क्योंकि नियमों के मुताबिक भारत को बल्लेबाजी जारी रखने का पूरा अधिकार था।
इसके तुरंत बाद ड्रिंक्स ब्रेक लिया गया और मध्यक्रम के बल्लेबाजों ने अपने शतक बनाने में ज्यादा समय नहीं गंवाया। सबसे पहले जडेजा ने हैरी ब्रुक की गेंद पर एक खूबसूरत छक्का लगाकर शतक पूरा किया। एक ओवर बाद, जडेजा के साथी सुंदर ने भी यह उपलब्धि हासिल की। यह 25 वर्षीय इस खिलाड़ी का टेस्ट क्रिकेट में पहला शतक भी था—एक ऐसा पल जिसे वह लंबे समय तक संजोकर रखेंगे।
दोनों कप्तानों का क्या था कहना ?
“उन दोनों ने जो पारी खेली, वो बहुत ही शानदार थी। भारत जिस स्तिथि में शुरुआत में था हमें वहां पर अपने मौके भुनाने चाहिए थे। आप हाथ जोड़कर कह सकते हैं कि उन्होंने अविश्वसनीय रूप से अच्छा खेला। और मुझे नहीं लगता कि शतक बनाकर ज्यादा संतुष्टि मिलती। आप जानते हैं, 10 रन और या जो भी हो, उससे इस बात में कोई बदलाव नहीं आने वाला कि आप अपनी टीम को एक बहुत ही मुश्किल स्थिति से निकालकर लाए हैं और आखिरी मैच से पहले अपनी टीम को लगभग सीरीज हार से बचा लिया है,” स्टोक्स ने मैच के बाद की प्रेजेंटेशन में कहा।
भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने मैच के बाद प्रेजेंटेशन में कहा, “हमें लगा कि वह दोनों शतक के हकदार थे (हाथ न मिलाने के फैसले के बारे में)।
सीरीज की बात करें तो, इंग्लैंड अभी भी सीरीज में 2-1 से आगे हैं, उन्होंने क्रमशः एजबेस्टन और लॉर्ड्स में दूसरे और तीसरे टेस्ट में जीत हासिल की है। अब दोनों टीमें 31 जुलाई से ओवल में सीरीज का पांचवां और आखिरी मैच खेलने के लिए लंदन वापस जाएंगी।








