
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व तेज गेंदबाज डेल स्टेन ने भारत और इंग्लैंड के बीच मैनचेस्टर टेस्ट के आखिरी घंटे में हुए हाथ मिलाने के विवाद पर अपनी राय दी है। उन्होंने बेन स्टोक्स का बचाव किया और रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर के अपने-अपने “पर्सनल माइलस्टोन” का पीछा करने के फैसले पर सवाल उठाया, जबकि उस समय मैच में कोई रिजल्ट संभव नहीं थी ड्रा के अलावा। जडेजा और सुंदर की नाबाद साझेदारी की बदौलत भारत हार से बच गया और मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ।
दूसरी पारी में शुरुआत में 0/2 पर सिमटने के बाद दबाव में आई भारतीय टीम ने चौथे दिन केएल राहुल और शुभमन गिल की अहम साझेदारी से जबरदस्त वापसी की, जिससे जडेजा और सुंदर को अच्छा प्लेटफार्म मिला। इसके बाद दोनों ने 203 रनों की शानदार नाबाद साझेदारी की, जिससे भारत ने मैच ड्रॉ कराकर सीरीज को जिंदा रखा।
स्टेन शम्सी की पोस्ट का जवाब दे रहे थे।
स्पिनर तबरेज शम्सी ने एक्स पर लिखा, “भारतीयों द्वारा खेल को तुरंत ड्रॉ पर समाप्त करने के प्रस्ताव को स्वीकार न करने को लेकर इतना बड़ा बखेड़ा क्यों खड़ा किया जा रहा है? प्रस्ताव दिया गया था। प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया गया था, और उन्हें अपना निर्णय लेने का पूरा अधिकार था। उन्हें अपने शतक मिले, जिसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की थी। खेल खत्म।”
स्टेन ने भारतीय बल्लेबाजों के अपने पर्सनल माइलस्टोन हासिल करने के अधिकार को स्वीकार करते हुए, मैच की स्थिति को देखते हुए उनके फैसले पर सवाल उठाया। उन्होंने अनुभवी दक्षिण अफ्रीकी स्पिनर तबरेज शम्सी की ‘एक्स’ पर टिप्पणी के जवाब में लिखा, “यह वह समय नहीं था जब उन्हें पता था कि ड्रॉ संभव है, बल्कि यह फ्री की व्यक्तिगत उपलब्धि हासिल करने का समय था।” बल्लेबाज शतक के लिए नहीं, बल्कि ड्रॉ के लिए खेल रहे थे। यही लक्ष्य था। मैच ड्रॉ कराना,” उन्होंने कहा।
स्टेन ने क्रिकेट में खेल भावना के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि ड्रॉ होने के बाद हाथ मिलाना जेंटलमेन बेहेवियर होता। उन्होंने कहा, “यही लक्ष्य था। मैच ड्रॉ कराना। जब यह हो गया और परिणाम की संभावना न रही, तो हाथ मिलाने की पेशकश की गई।” एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी का अंतिम टेस्ट मैच गुरुवार को द ओवल में शुरू होगा, जिसमें इंग्लैंड भारत के खिलाफ 2-1 से आगे चल रहा है।









