
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होने वाली T20 सीरीज के लिए जब भारतीय टीम का ऐलान हुआ, तो सबसे ज्यादा चर्चा रिंकू सिंह को टीम से बाहर करने को लेकर हुई। रिंकू पिछले साल से लगातार शानदार प्रदर्शन कर रहे थे, इसलिए फैंस और क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें टी20 टीम में जगह मिलनी चाहिए थी।
उनकी जगह नए खिलाड़ियों को मौका देना एक जोखिम भरा फैसला माना जा रहा है। आइए जानते हैं उन 3 कारणों को जिनकी वजह से रिंकू सिंह को टी20 टीम से बाहर करना बड़ी भूल है:
रिंकू को बाहर करना टीम के लिए बड़ा झटका
सबसे पहला कारण यह है कि रिंकू सिंह भारत के सबसे भरोसेमंद फिनिशरों में शामिल हैं। उन्होंने कई मुश्किल मैचों में आखिरी ओवर में लंबी हिट लगाकर टीम को जीत दिलाई है। उनका शांत स्वभाव और दबाव में प्रदर्शन करने की क्षमता उन्हें बाकी खिलाड़ियों से अलग बनाती है। फिनिशर की भूमिका बहुत मुश्किल होती है, और कोई भी खिलाड़ी तुरंत यह जिम्मेदारी नहीं निभा सकता।
दूसरा कारण यह है कि रिंकू का हालिया फॉर्म शानदार रहा है। उन्होंने IPL और अंतरराष्ट्रीय मैचों में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया। टीम चयन साधारणत, फॉर्म देखकर किया जाता है, लेकिन अच्छे फॉर्म में होने के बावजूद उन्हें बाहर कर देना फैंस के लिए हैरान करने वाला फैसला रहा। जब खिलाड़ी अच्छा खेल रहा हो, तो उसे और मौके देना चाहिए, ना कि बाहर बैठाना चाहिए।
तीसरा कारण यह है कि रिंकू लेफ्ट-हैंड बैटर हैं, जो टीम की बैटिंग को संतुलन देते हैं। न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसी टीमों के खिलाफ रिंकू ने दिखाया है कि वे तेज गेंदबाज़ों और स्पिन दोनों को आसानी से खेल सकते हैं। टीम में लेफ्ट-राइट कॉम्बिनेशन होना हमेशा फायदेमंद होता है, इसलिए उनका न होना टीम के कॉम्बिनेशन को कमजोर करता है।
कई विशेषज्ञों का कहना है कि यह फैसला रिंकू के आत्मविश्वास पर भी असर डाल सकता है। ऐसे खिलाड़ी को लगातार मौके मिलने चाहिए, खासकर T20 वर्ल्ड कप नजदीक होने पर। इसलिए माना जा रहा है कि रिंकू सिंह को बाहर करना भारत की बड़ी गलती है, और उम्मीद है कि आने वाली सीरीज में उन्हें वापस टीम में शामिल किया जाएगा।









