On This Day in 2011: जब टीम इंडिया ने 13 साल पहले जीता था वर्ल्ड कप, धोनी-गंभीर की जोड़ी ने किया था फाइनल में कमाल
एमएस धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने 28 साल बाद जीता था वर्ल्ड कप।
अद्यतन – अप्रैल 2, 2024 12:04 अपराह्न
2 अप्रैल 2011, ये तारीख शायद ही कोई भारतीय क्रिकेट फैन भूल पाएगा। इसी दिन भारत ने श्रीलंका को आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप के फाइनल मैच में हराकर दूसरी बार वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया था। टीम इंडिया ने धोनी की कप्तानी में 28 साल के जीत के सूखे को खत्म कर इतिहास रचा था।
जब टीम इंडिया ने 2011 में वर्ल्ड कप अपने नाम किया था तब पूरा देश के फैंस इस जीत का जश्न मनाने के लिए सड़कों पर आ गए थे। लोग अपनी छत पर पटाखे फोड़ रहे थे, तो कुछ लोग सड़कों पर ढ़ोल लेकर नांच रहे थे। भारत की जीत का जश्न मना रहे थे। टीम इंडिया की इस ऐतिहासिक जीत में एमएस धोनी, युवराज सिंह, गौतम गंभीर समेत टीम के सभी खिलाड़ियों ने अहम भूमिका निभाई थी।
आपको बता दें कि 2011 वर्ल्ड कप सचिन तेंदुलकर का आखिरी वर्ल्ड कप था और ऐसे में हर खिलाड़ी और फैंस यही चाहते थे कि टीम इंडिया सचिन तेंदुलकर के लिए वो खिताब जीते। सचिन ने उस वर्ल्ड कप में बल्ले से शानदार प्रदर्शन किया था और वो भारत के लिए उस टूर्नामेंट में टॉप रन स्कोरर थे।
फाइनल मैच में फ्लॉप रहे थे सचिन-सहवाग
दरअसल , भारत बनाम श्रीलंका के वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल मैच में श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था। पहले बल्लेबाजी करते हुए श्रीलंकाई टीम ने महेला जयवर्धने की शतकीय पारी के बदौलत 6 विकेट खोकर 274 रन बनाए थे। 275 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की तरफ से वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर की जोड़ी मैदान पर उतरी।
इन दोनों से फैंस को काफी उम्मीदें थी कि यह टीम को इस बड़े मुकाबले में अच्छी शुरुआत दिलाएंगे, लेकिन 2 गेंद के बाद ही भारत को बड़ा झटका लगा और पूरे वानखेड़े स्टेडियम में सन्नाटा पसर गया, क्योंकि सहवाग बिना खाता खोले ही मलिंगा की गेंद पर LBW आउट हो गए। इसके बाद सचिन तेंदुलकर भी 14 रन बनाकर चलते बने। लेकिन गौतम गंभीर और एमएस धोनी की शानदार पारियों के चलते भारत ने 10 गेंदें शेष रहते छह विकेट से जीत हासिल की।
28 साल बाद दोबारा टीम इंडिया के दोबारा बादशाहत हासिल की। भारत के कप्तान एमएस धोनी को 79 गेंदों पर 91 रनों की नाबाद, मैच विनिंग पारी के लिए मैन ऑफ द मैच दिया गया। वहीं, गौतम गंभीर ने भी 97 रनों की अहम पारी खेली। मैच के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने अपना आखिरी वर्ल्ड कप खेल रहे सचिन तेंदुलकर को भी कंधे पर बिठाकर पूरे ग्राउंड का चक्कर लगवाया। इस फ़ाइनल को दुनिया भर में लगभग 558 मिलियन लोगों ने देखा था। भारतीय फैंस के जहन में आज भी वो जीत की यादें ताजा है।