IPL का पहला सीजन जो 2008 में खेला गया था उसे दुनियाभर के फैंस ने काफी ज्यादा पसंद किया था। इस लीग को जिस तरह का सपोर्ट पहले सीजन मिला था उसकी कल्पना किसी ने शायद ही की होगी। एक सीजन के बाद ही फैंस और क्रिकेट एक्सपर्ट इसे क्रिकेट की दुनिया का सबसे बड़ा लीग का दर्जा देने लगे थे। लीग का पहला सीजन इतना सक्सेसफुल रहा कि उसके बाद फैंस बेसब्री से दूसरे सीजन का इंतजार कर रहे थे।
IPL के दूसरे सीजन (2009) की शुरुआत से पहले फैंस को एक बड़ा झटका तब लगा जब उन्हें ये पता चला कि टूर्नामेंट का आयोजन इस बार भारत में नहीं बल्कि दक्षिण अफ्रीका में किया जाएगा। आईपीएल का दूसरा सीजन 18 अप्रैल 2009 से 24 मई 2009 के बीच खेला गया था। लेकिन जिन लोगों ने वो सीजन नहीं देखा होगा उनके मन में शायद अभी भी ये सवाल होगा कि आखिर क्यों IPL का दूसरा सीजन दक्षिण अफ्रीका में खेला गया था?
क्यों IPL 2009 का आयोजन साउथ अफ्रीका में हुआ था?
2009 में भारत में लोकसभा इलेक्शन होने थे, उससे पहले वहीं 3 मार्च 2009 को पाकिस्तान के लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में श्रीलंकाई क्रिकेट टीम पर आतंकी हमला हो गया था। इन सब चीजों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने IPL 2009 के लिए खिलाड़ियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया था। इसके बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने इसे दक्षिण अफ्रीका शिफ्ट करने का फैसला लिया।
दूसरे सीजन के फॉर्मेट की बात करें तो पहले सीजन की तुलना में उसमें कुछ ज्यादा बदलाव नहीं आया था। 2008 के तर्ज पर आईपीएल 2009 का सीजन भी उसी फॉर्मेट में खेला गया था। लेकिन सीजन शुरू होने से पहले इसमें एक बदलाव किया था। दरअसल IPL 2008 में एक फ्रेंचाइजी टीम ज्यादा से ज्यादा आठ विदेशी खिलाड़ी को ले सकती थी।
2009 में इसे बढ़ाकर 10 विदेशी खिलाड़ी कर दिया गया। हालांकि प्लेइंग XI में ज्यादा से ज्यादा चार ही विदेशी खिलाड़ी शामिल करने का नियम बरकरार रखा गया। 2009 से ही आईपीएल में टाइमआउट का नियम शुरू हुआ था। इस नियम ने उस सीजन में काफी सुर्खियां बटोरी थी।