आईपीएल के शुरुआती मैच में मुंबई इंडियंस की हार का सिलसिला लगातार 12वें साल भी जारी रहा। रविवार को हुए इस मैच में मुंबई अपने नए कप्तान हार्दिक पांड्या की पूर्व टीम गुजरात टाइटंस से हार गई। हार्दिक ने इस मैच में सातवें नंबर पर बल्लेबाजी की और उनके इस फैसले ने कई लोगों को चौंका दिया। हालाँकि, यह निर्णय केवल हार्दिक ने नहीं, बल्कि पूरे टीम प्रबंधन ने लिया था, ऐसा मुंबई के बल्लेबाजी कोच कायरन पोलार्ड ने बताया।
इस मैच में गुजरात द्वारा दी गई 169 रनों की चुनौती का पीछा करते हुए मुंबई की टीम अच्छी स्थिति में थी। उन्हें 30 गेंदों में 43 रन चाहिए थे और सात बल्लेबाज बाकी थे। हालांकि, मुंबई अगले दो ओवरों में सिर्फ सात रन ही बना पाई और डेवाल्ड ब्रेविस (46) का विकेट गंवा दिया जो मैदान पर जम गए थे। इसके बाद हार्दिक ने छठे नंबर पर बल्लेबाजी करने की बजाय टिम डेविड को भेजा। पूर्व क्रिकेटर इरफान पठान ने भी हार्दिक के इस फैसले पर सवाल खड़े किए थे।
दरअसल, टिम डेविड 10 गेंदों में 11 रन ही बना सके। फिर सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने आए हार्दिक ने आखिरी ओवर की पहली दो गेंदों पर क्रमश: छक्का और चौका लगाया। हालांकि ओवर की तीसरी गेंद पर उमेश यादव द्वारा आउट होने से मुंबई की जीत की उम्मीदें खत्म हो गईं और आखिरकार मुंबई छह रन से हार गई।
हार्दिक पांड्या के सांतवें नंबर पर बल्लेबाजी करने के फैसले का कायरन पोलार्ड ने किया समर्थन
उन्होंने कहा, ”यह कहना गलत होगा कि सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने का फैसला अकेले हार्दिक का था। एक टीम के रूप में हम योजना बनाते हैं। हम इस बात पर विचार करते हैं कि कौन सा बल्लेबाज मैच की किस परिस्थिति में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकता है। इस मैच में हमारे सलामी बल्लेबाजों ने काफी देर तक बल्लेबाजी की। इसके अलावा हमारे पास दो बल्लेबाज थे जो आखिरी ओवर में हिट करने की क्षमता रखते थे। डेविड ने पिछले सीजन में हमारे लिए मैच जिताऊ खिलाड़ी की भूमिका निभाई है।”
“हार्दिक जब मुंबई में थे वो हमें सालों से मैच जिता रहे हैं। लेकिन कभी-कभी वे असफल भी हो सकते हैं। केवल हार्दिक को दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए। यह हम सबका फैसला था और हम हार्दिक का समर्थन करते हैं।”
पोलार्ड ने अपने कप्तान के समर्थन में कहा, इसलिए किसी भी फैसले के लिए अकेले हार्दिक को दोषी ठहराना सही नहीं है।