भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) मौजूदा इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2024 के दौरान हाइट से संबंधित नो-बॉल कॉल में हो रहे प्रॉबलम को ठीक करने के लिए एक नई तकनीक लेकर आया है। सालों से टीमों को अंपायरों की निर्णय लेने में त्रुटियों के कारण नुकसान उठाना पड़ा है। हालाँकि वे इंसान हैं और कभी-कभार अनजाने में उनसे भी गलतियाँ हो जाती हैं, लेकिन कभी-कभी कुछ फैसले टीमों के लिए निराशाजनक साबित हो जाते हैं। ऐसा तभी होता है जब कठिन परिस्थितियों में फैसला उनके अनुरूप नहीं होता है।
आईपीएल में सबसे विवादास्पद अंपायर कॉल्स में से एक है हाईट से ऊपर आने वाली गेंद को नो-बॉल देना। लेग अंपायर फुल टॉस की ऊंचाई की जांच करता है और अगर गेंद बल्लेबाज के कमर से ऊपर होती है तो उसे नो-बॉल माना जाता है। किसी भी संदेह की स्थिति में निर्णय लेने के लिए तीसरे अंपायर की तरफ रुख किया जाता है। पिछले कुछ सालों में, कमर से ऊंची नो-बॉल के संबंध में अंपायरों के कुछ फैसलों ने काफी हंगामा मचाया है।
बीसीसीआई की तरफ से क्या बयाना आया है?
टाइम्स ऑफ इंडिया ने एक सूत्र के हवाले से कहा, “बीसीसीआई की टीम में ऐसे लोग हैं जो मापने वाले टेप के साथ आईपीएल में सभी खिलाड़ियों की कमर तक की ऊंचाई को माप रहे हैं। इस डेटा को फिर हॉक-आई ऑपरेटरों द्वारा उपयोग किए जाने वाले सिस्टम में फीड किया जाएगा, जो कमर के ऊंचे फुलटॉस गेंद की समीक्षाओं को आंकने के लिए (इस सीज़न से) तीसरे अंपायर के साथ बैठते हैं। यह डेटा किसी विशेष बल्लेबाज के लिए waist-high full toss को बेहतर ढंग से परखने में मदद करेगा।”
इस साल बीसीसीआई ने आईपीएल 2024 को और भी दिलचस्प बनाने के लिए कुछ नए नियम पेश किए हैं। ‘स्मार्ट रीप्ले सिस्टम’ की शुरूआत ने निर्णय लेने को तेज, अधिक कुशल और अधिक सटीक बना दिया है। यह एक नई कैमरा-आधारित समीक्षा प्रणाली है जहां स्टेडियम के चारों ओर आठ हाई-स्पीड हॉक-आई कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा, accurate विश्लेषण के लिए रियल टाइम फूटेज और डेटा प्रदान करने के लिए टीवी अंपायर के साथ दो हॉक-आई कैमरे तैनात किए जाएंगे।