
एशेज 2025-26 की तैयारियाँ तेज हैं और इसी बीच गैबा स्टेडियम के क्यूरेटर डेव सैंडुर्स्की ने बताया है कि 4 दिसंबर से शुरू होने वाले पिंक-बॉल टेस्ट में पिच का व्यवहार कैसा रहेगा। यह मैच गर्म मौसम में खेला जाएगा और इसका सीधा असर पिच पर पड़ेगा।
सैंडुर्स्की के अनुसार, तेज गर्मी के कारण पिच की नमी जल्दी खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि क्यूरेटर की टीम पूरी कोशिश कर रही है कि पिच में इतनी नमी रहे कि वह पूरे पाँच दिनों तक टिक सके। उनका कहना है कि पिच इस तरह तैयार की जाएगी कि वह बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों के लिए समान रूप से मददगार हो।
उन्होंने कहा, हमें तैयारी के लिए एक अतिरिक्त दिन मिला है, जिससे पिच को सही तरीके से तैयार करना आसान हुआ है। गर्मी बहुत ज्यादा है, इसलिए विकेट जल्दी सूख सकता है। हमारा लक्ष्य हमेशा संतुलित विकेट देने का होता है, ताकि बल्लेबाज, तेज गेंदबाज और स्पिनर सभी को मौका मिले।
पिंक बॉल का असर – ट्वाइलाइट में ज्यादा स्विंग
हाल ही में गैबा में हुए पिंक-बॉल शैफील्ड शील्ड मैच में खेलने वाले गेंदबाज जैवियर बार्टलेट ने भी पिच को लेकर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि पिंक बॉल खासकर सूर्यास्त के समय ज्यादा स्विंग करती है और तभी मैच में बड़े बदलाव देखने को मिलते हैं।
बार्टलेट ने कहा, ट्वाइलाइट के समय पिंक बॉल ज्यादा बोलती है। विकेट भी क्लस्टर में गिरते हैं। लेकिन अगर आप अच्छी बल्लेबाजी करें तो रन मिलते हैं और अच्छी गेंदबाजी करें तो विकेट भी मिलेंगे। अगर एशेज की पिच वैसी ही रही जैसी हमने अभी खेली, तो यह एक बेहतरीन क्रिकेट विकेट होगी।
मैट रेनशॉ का भी बयान
ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज मैट रेनशॉ ने कहा कि यह पिच पिछले साल जनवरी 2024 में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले गए पिंक बॉल टेस्ट जैसी हो सकती है। उस मैच में पिच पर स्विंग भी थी और बल्लेबाजों को रन बनाने का मौका भी मिला था।
रेनशॉ ने कहा, बल्लेबाजी करते समय ऐसा लगता है कि किसी भी समय एक खास गेंद गिर सकती है। लेकिन कुल मिलाकर गैबा की पिच वैसी ही रहेगी जैसी हमेशा रहती है कभी गेंदबाजों को मदद, कभी बल्लेबाजों को।









