
ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच आज, 21 नवंबर से शुरू हुई एशेज़ श्रृंखला का पहला मुकाबला पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में खेला जा रहा है। टॉस जीतकर इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने पहले बल्लेबाज़ी का फैसला किया। मैच के शुरुआती दौर से ही ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज तेज़ गेंदबाज़ मिचेल स्टार्क ने बल्लेबाज़ों पर अपना दबदबा बनाए रखा और इंग्लैंड को 172 रनों के साधारण टोटल पर ऑल आउट कर दिया। जवाबी कार्यवाही में, इंग्लैंड ने वापसी करते हुए ऑस्ट्रेलिया के टॉप ऑर्डर को मात्र 31 रनों पर चलता किया।
श्रृंखला की शुरुआत से पूर्व इंग्लैंड के स्टार तेज़ गेंदबाज़ मार्क वुड ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चल रही पाँच मैचों की एशेज़ श्रृंखला में अपनी भागीदारी पर एक स्पष्ट सीमा लगा दी है। अपनी तेज़ रफ़्तार के लिए प्रसिद्ध, मार्क वुड ने पुष्टि की कि वह ऑस्ट्रेलिया में सभी पाँच टेस्ट मैचों में “निश्चित रूप से नहीं” खेलेंगे, जिससे चोट प्रबंधन तथा वुड की तेज़-तर्रार गति को बनाए रखने को प्राथमिकता दी जा सके। उनका यह फैसला बार-बार आने वाली फिटनेस समस्याओं के इतिहास पर आधारित है।
वुड ने इंग्लैंड के लिए अपना आखिरी रेड बॉल मैच, पिछले साल अगस्त में खेला था। एशेज़ से पहले के महीनों में, वह एक लगातार कोहनी की समस्या से जूझ रहे थे | इसी चोट के चलते उन्हें लंबे समय तक टेस्ट टीम से भी बाहर रहना पड़ा था। इन चिंताओं के बावजूद, उन्हें वर्तमान श्रृंखला में खेलने की मंजूरी मिली है तथा टीम में सम्मिलित किया गया है |
मार्क वुड की सीमित उपलब्धि पर इंग्लैंड प्रबंधन की राय
हालाँकि, इस साल की शुरुआत में 2025 चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान उनके घुटने में भी चोट लग गयी थी, जिसके कारण वह चार महीने तक प्रथम श्रेणी क्रिकेट से दूर रहे थे। यहाँ तक कि श्रृंखला से पहले इंग्लैंड लायंस के खिलाफ एक वार्म-अप मैच के दौरान भी वुड को मांसपेशियों (हैमस्ट्रिंग) की समस्या हुई थी।
वुड ने पर्थ टेस्ट से पहले पूर्व इंग्लिश कप्तान माइकल वॉन के साथ एक चैट में इस बात की जानकारी दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि टीम प्रबंधन श्रृंखला के अगले मैचों के लिए उनकी उपलब्धता का फैसला करने के लिए हर मैच के बाद उनकी स्थिति की समीक्षा यानि जांच करेगा।
इस ‘लिमिटेड वर्कलोड’ के पीछे, टीम का मुख्य लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि वुड जब भी मैदान पर आएँ, तो अपनी तेज़ रफ़्तार और प्रतिस्पर्धी क्षमता को बरकरार रख सकें। जैसा कि वुड ने खुद कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वह “इतने चुस्त-दुरुस्त रहेंगे कि अपनी रफ़्तार को कायम रख पाएँ तथा टेस्ट मैच में अपने दल के लिए ज़रूरी काम कर सकें”।
ऑस्ट्रेलिया की मुश्किल परिस्थितियों में, मार्क वुड का कम उपलब्ध होना, इंग्लैंड को अपनी मुख्य तेज़ गेंदबाज़ी को संभालकर इस्तेमाल करने पर मजबूर करता है।| हालाँकि इंग्लैंड को उनकी कमी अवश्य महसूस होगी, परन्तु इस महत्वपूर्ण टेस्ट श्रृंखला के लिए एक पूरी तरह फिट और प्रभावशाली मार्क वुड को चुनिंदा मैचों में रखना, एक बेहतर विकल्प माना जा रहा है।









