
इंग्लैंड के तेज गेंदबाज ब्रायडन कार्स मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में चौथे टेस्ट के दौरान एक घटना के बाद सुर्खियों में आ गए हैं, जहां उन्होंने गेंद के साथ संदिग्ध व्यवहार किया। कई कमेंटेटरों और पूर्व खिलाड़ियों द्वारा देखी गई इस हरकत को ‘बॉल टेंपरिंग’ का संभावित मामला माना, जो क्रिकेट के सबसे गंभीर अपराधों में से एक है।
यह घटना भारतीय पारी के 12वें ओवर में हुई, जब भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने उन्हें दो शानदार चौके लगाए।
यह देखा गया कि कार्स ने अपने फॉलो-थ्रू के दौरान जानबूझकर गेंद पर पैर रखा था—एक ऐसी हरकत जिसने दर्शकों और कमेंटेटरों दोनों को हैरान कर दिया। ड्यूक्स की गेंद, जो शुरुआत में काफी स्विंग कर रही थी, 10वें ओवर में कार्से के आक्रमण में आने तक अपनी गति खोने लगी थी।
हालांकि गेंदबाजों द्वारा फॉलो-थ्रू में गेंद को अपने पैरों से रोकना असामान्य नहीं है, लेकिन कार्स की हरकत संदिग्ध थी क्योंकि उन्होंने गेंद को उठाने या पैर से उछालने के बजाय उसे नीचे दबाया था। इससे यह अनुमान लगाया गया कि अंग्रेजी गेंदबाज जानबूझकर गेंद के एक तरफ से खरोंचने की कोशिश कर रहा था।
स्काई स्पोर्ट्स पर लाइव कमेंट्री कर रहे पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग ने ऑन एयर इस ओर इशारा किया। पोंटिंग ने कहा, “यह ब्रायडन कार्स के आखिरी ओवर का क्लिप है। यहां वह अपने फॉलो-थ्रू में कुछ ऐसा करते हैं। गेंद को रोकते हैं और करते हैं, उफ। गेंद के शयनी साइड में कुछ बड़े स्पाइक्स लग जाते हैं,” पोंटिंग ने जानबूझकर गेंद को घिसने और फटने की कोशिश की ओर इशारा करते हुए कहा।
कार्स गेंद को रिवर्स स्विंग कराने की कोशिश कर रहे थे
विश्लेषकों का मानना है कि कार्स शायद गेंद को रिवर्स स्विंग कराने की कोशिश कर रहे थे — एक ऐसी रणनीति जिसमें गेंद के एक तरफ को खुरदुरा बनाना पड़ता है। इंग्लैंड स्पिन डालने की तैयारी कर रहा था और गेंद अब सीम मूवमेंट में मददगार नहीं रही, ऐसे में इस हरकत के समय ने संदेह को और बढ़ा दिया था।
‘बॉल टेंपरिंग’ अब क्रिकेट में सबसे गंभीर उल्लंघनों में से एक मानी जाती है, इसलिए खिलाड़ी और अधिकारी किसी भी संदिग्ध आचरण के प्रति बेहद सतर्क रहते हैं।
स्टीव स्मिथ, डेविड वार्नर और कैमरन बैनक्रॉफ्ट से जुड़ी कुख्यात घटना, जिसमें वे सैंडपेपर का इस्तेमाल करके गेंद की स्थिति बदलने की कोशिश करते हुए पकड़े गए थे, इसके कारण उन पर लंबा प्रतिबंध लगा और क्रिकेट जगत में व्यापक निंदा हुई।









