टीम इंडिया और न्यूजीलैंड के बीच खेले गए पहले टेस्ट मैच में मेजबान को हार का सामना करना पड़ा था। टीम इंडिया के खिलाड़ी बेहतरीन प्रदर्शन दिखाने में नाकाम रहे थे और इसी वजह से न्यूजीलैंड ने इस मैच को अपने नाम किया। मैच खत्म होने के बाद पूर्व खिलाड़ी मनोज तिवारी ने कप्तान रोहित शर्मा और मुख्य कोच गौतम गंभीर के फैसलों पर सवाल उठाया है।
उनके मुताबिक टीम इंडिया ने पहले टेस्ट में महत्वपूर्ण फैसले नहीं लिए और इसी वजह से उन्हें हार का सामना करना पड़ा। मनोज तिवारी ने क्रिकबज को बताया कि, ‘कभी-कभी मैं फैसले नहीं समझ पाता हूं। सामान्य ज्ञान की कमी लगती है। कोच, कप्तान क्या साबित करने की कोशिश कर रहे हैं यह मेरी समझ से बाहर है। मुझे लगता है कि जब भी कोई नया कोच या कप्तान आता है तो वह कुछ साबित करने की कोशिश करते हैं और इस तरह के फैसले लेते हैं।’
मुझे यह समझ नहीं आ रहा कि आखिर क्यों रविचंद्रन अश्विन को टीम इंडिया ने सही तरीके से इस्तेमाल नहीं किया: मनोज तिवारी
पूर्व खिलाड़ी मनोज तिवारी ने इस चीज पर भी सवाल उठाया है कि आखिर क्यों अनुभवी स्पिनर रविचंद्रन अश्विन जिन्होंने 500 से ज्यादा टेस्ट विकेट लिए हैं उनको न्यूजीलैंड की दूसरी पारी के दौरान गेंदबाजी नहीं दी गई। बता दें कि, न्यूज़ीलैंड को पहला टेस्ट जीतने के लिए 107 रनों की जरूरत थी। रविचंद्रन अश्विन गेंदबाजी करने तब आए जब न्यूजीलैंड ने दो विकेट खोकर 97 रन बना लिए थे और अनुभवी खिलाड़ी ने दूसरी पारी में सिर्फ दो ही ओवर फेके।
मनोज तिवारी ने आगे कहा कि, ‘मुझे यह बात पता थी कि किसी स्पिनर को कम ओवर मिलेंगे लेकिन मैंने यह नहीं सोचा था कि वो अश्विन होंगे। रविचंद्रन अश्विन ने 500 से ज्यादा टेस्ट विकेट झटके हैं और जब आप 107 रन डिफेंड कर रहे होते हैं तो आपको जसप्रीत बुमराह के साथ एक आक्रामक गेंदबाज की जरूरत होती है। अच्छे कप्तान भी गलती करते हैं क्योंकि आपके दिमाग में काफी कुछ चल रहा होता है। यहां पर कोच की बहुत जरूरत होती है लेकिन मुझे नहीं पता कि यहां क्यों यह गलती हुई कि अश्विन को गेंदबाजी नहीं दी गई।
एक और बात जो हैरान कर देने वाली थी वो यह कि आकाश दीप को प्लेइंग XI में शामिल नहीं किया गया। अच्छे कप्तान भी गलती करते हैं क्योंकि उनके दिमाग में काफी कुछ चल रहा होता है। फिलहाल टीम इंडिया को दूसरे टेस्ट में धमाकेदार वापसी करनी होगी और कोच और कप्तान दोनों को कई महत्वपूर्ण फैसले लेने होंगे।’