
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच चल रही तीन मैचों की एक एकदिवसीय श्रृंखला का दूसरा मुकाबला कल, 3 दिसंबर को रायपुर में खेला गया था। पहले बल्लेबाज़ी करते हुए भारत ने एक सशक्त टोटल बोर्ड पर दर्ज किया, परन्तु उसके बावजूद वे 358 रनों को डिफेंड करने में विफल रहे। जिसके कारण अब यह श्रृंखला एक-एक की बराबरी पर आ गयी है।
भारतीय टीम के युवा सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल को पहले दो एकदिवसीय मैचों में अच्छी शुरुआत मिली (पहले दो वनडे में क्रमश: 18 और 22 रन)। परन्तु, वह इन शुरुआतों को बड़ी पारियों में बदलने में विफल रहे। जिसके कारण पूर्व भारतीय कप्तान कृष्णमाचारी श्रीकांत ने उन्हें एक महत्वपूर्ण सलाह दी है। श्रीकांत ने महसूस किया कि दक्षिण अफ्रीका की टीम जानबूझकर बाउंसर और बाएं हाथ के तेज गेंदबाजों के माध्यम से जायसवाल की कथित कमजोरी को लक्ष्य कर रही है।
बाउंसर का सामना करने के लिए आक्रामक रुख अपनाना होगा
अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो में बात करते हुए, 65 वर्षीय श्रीकांत ने स्वीकार किया कि आंकड़ों के हिसाब से जायसवाल को बाउंसर और बाएं हाथ के तेज गेंदबाजों के खिलाफ सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जायसवाल अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे और अच्छी शुरुआत भी कर रहे थे, लेकिन वह उन्हें भुना नहीं पाए। दूसरी ओर, उनके साथी रुतुराज गायकवाड़ ने मिले मौके का पूरा फायदा उठाया और दूसरे मैच में शतक जड़ा।
श्रीकांत ने टिप्पणी की कि विपक्षी टीम ने जायसवाल की कमजोरी को परख लिया है। उन्होंने युवा विस्फोटक बल्लेबाज को सलाह दी कि जब भी गेंद उनके शरीर की ओर आए, तो उन्हें सामान्य से अधिक आक्रामक होना चाहिए। श्रीकांत ने कहा, “मैं यह नहीं कहूंगा कि उन्हें बाउंसर के खिलाफ कोई समस्या है। यह सिर्फ तालमेल बिठाने की बात है।”
उन्होंने आगे कहा, “हर कोई बाउंसर के खिलाफ छक्का भी मारता है और कभी-कभी आउट भी होता है। मुझे यकीन है कि सपोर्ट स्टाफ उन्हें बताएगा कि उन्हें इस रणनीति (स्ट्रेटेजी) में फंसाया जा रहा है। उन्हें बहादुर होना चाहिए और बाउंसर के खिलाफ पूरी आक्रामकता दिखानी चाहिए। वह इसे नीचे रखने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इसके बजाय उन्हें इसे स्कूप करना चाहिए और ऊपर से शॉट खेलने चाहिए।”
जायसवाल अब 6 दिसंबर को विशाखापत्तनम में होने वाले श्रृंखला के निर्णायक मुकाबले में श्रीकांत की इस सलाह पर अमल करने और बड़ी पारी खेलने की अवश्य कोशिश करेंगे।









