
गुवाहाटी में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट में भारत के सामने अब सीरीज बचाने के लिए दुनिया का सबसे बड़ा रनचेज करने की चुनौती खड़ी हो गई है। दक्षिण अफ्रीका ने अपनी दूसरी पारी में 450 से अधिक की मजबूत बढ़त बना ली, जिससे भारत की स्थिति बेहद कठिन हो गई है।
टेस्ट इतिहास में सबसे बड़ा सफल रनचेज 418/7 है, जो वेस्टइंडीज ने 2003 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किया था। उस मैच में रामनेरश सरवन, शिवनारायण चंद्रपॉल और ब्रायन लारा ने मिलकर बेहतरीन पारी खेली ऐतिहासिक जीत दिलाई थी।
भारत ने टेस्ट में अब तक सबसे बड़ा सफल लक्ष्य 406/4 का पीछा 1976 में वेस्टइंडीज के खिलाफ किया था। उस मैच में सुनील गावस्कर और गुंडप्पा विश्वनाथ ने शतक लगाए थे। 400+ का लक्ष्य टेस्ट क्रिकेट में अब तक सिर्फ चार बार ही हासिल किया गया है और 2010 के बाद ऐसा कभी नहीं हुआ।
टेस्ट इतिहास के टॉप सफल रनचेज
वेस्टइंडीज़ – 418/7 (2003)
दक्षिण अफ्रीका – 414/4 (2008)
भारत – 406/4 (1976)
ऑस्ट्रेलिया – 404/3 (1948)
एशिया में कभी भी 400+ का लक्ष्य चेज नहीं हुआ है। सबसे बड़ा चेज वेस्टइंडीज का 395/7 है (2021, चटगांव)। भारत में सबसे बड़ी सफल चेज 387/4 है, जो 2008 में इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में हुई थी।
गुवाहाटी टेस्ट की स्थिति
दक्षिण अफ्रीका ने चौथे दिन अपनी बढ़त 450 से ऊपर पहुंचाकर मैच पर पूरा नियंत्रण बना लिया। पहली पारी में 288 की लीड के बाद उन्होंने दूसरी पारी में भी मजबूत शुरुआत की। रयान रिकेलटन (35) और एडेन मार्कराम (29) ने टिककर खेला, जबकि ट्रिस्टन स्टब्स और टोनी डी ज़ोरज़ी ने मिलकर 101 रन की साझेदारी कर भारत को मैच से लगभग बाहर कर दिया।
भारत की पहली पारी बेहद निराशाजनक रही। दक्षिण अफ्रीका के 489 रन के जवाब में भारत केवल 201 रन पर ढेर हो गया। यशस्वी जायसवाल (50) और वॉशिंगटन सुंदर (48) को छोड़कर कोई भी बल्लेबाज टिक नहीं पाया। ऋषभ पंत, ध्रुव जुरेल और नितीश रेड्डी ने अपने विकेट आसानी से गंवा दिए।
दक्षिण अफ्रीका के मार्को जानसन ने 6 विकेट झटके और भारतीय बल्लेबाजों को मुश्किल में डाल दिया। टीम में तीन स्पिनर साइमन हार्मर, केशव महाराज और सेनुरन मुतुसामी की रणनीति सफल साबित हुई।









