ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज हारने के करीब 10 साल बाद भारत ने बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी गंवाई। इससे पहले भारतीय टीम पहली बार घरेलू मैदान पर न्यूजीलैंड के खिलाफ 3-0 के बड़े अंतर से टेस्ट सीरीज हारी थी।
इसके बाद तमाम पूर्व खिलाड़ियों ने टीम इंडिया के प्रदर्शन पर सवाल उठाए, खासकर सीनियर प्लेयर रोहित शर्मा और विराट कोहली पर। यह दोनों स्टार बल्लेबाज आउट ऑफ फॉर्म दिखें और रन बनाने के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं।
बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में रोहित शर्मा और विराट कोहली का प्रदर्शन
कोहली ने पर्थ में शतक को छोड़कर सिर्फ 90 रन और बनाए और ऑस्ट्रेलिया का अपना सबसे खराब दौरा दर्ज किया। दूसरी ओर, रोहित ने पांच पारियों में 6.2 की औसत से सिर्फ 31 रन बनाए और सितंबर के बाद से अपने आखिरी आठ टेस्ट मैचों में कुल मिलाकर 164 रन बनाए, जिसमें सिर्फ एक अर्धशतक शामिल था।
अब सीरीज के बाद ऐसे सवाल उठ रहे हैं कि ‘सुपरस्टार’ संस्कृति भारतीय क्रिकेट के लिए हानिकारक साबित हो रही है। इसलिए रोहित शर्मा और विराट कोहली को घरेलू क्रिकेट खेलने की मांग उठाई जा रही है।
खराब फॉर्म के बाद, विशेषज्ञों और कोच गंभीर ने दोनों वरिष्ठ बल्लेबाजों से घरेलू क्रिकेट में खेलने का आग्रह किया, जिसमें 2024/25 रणजी ट्रॉफी सीजन का दूसरा भाग 23 जनवरी से शुरू होना है।
टीम प्रबंधन के एक सदस्य ने दोनों से घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने का आग्रह किया है
इन चर्चाओं के बीच, टीम प्रबंधन के एक सदस्य ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में स्वीकार किया कि-
“घरेलू क्रिकेट खेलने से सभी खामियां दूर नहीं हो सकतीं, लेकिन इससे टेस्ट खिलाड़ियों को सबसे लंबे प्रारूप में खेलने के लिए आवश्यक लय हासिल करने में मदद जरूर मिल सकती है।”
उन्होंने आगे कहा, ” गेम टाइम के बिना उनका खेल स्थिर हो जाएगा… लाल गेंद से सफेद गेंद में स्विच करना आसान है, लेकिन जब यह दूसरी तरफ होता है, तो यह चुनौतीपूर्ण होता है। जब आप लगातार रणजी खेलेंगे तो आप लय में होंगे।”