
बुधवार, 3 अप्रैल को घोषित नए जीएसटी ढांचे के बाद इंडियन प्रीमियर लीग देखना और भी महंगा हो गया है। 22 सितंबर, 2025 से लागू होने वाले नए ढांचे के तहत, अब मैचों के टिकटों पर 28% की बजाय 40% टैक्स लगेगा।
इस भारी वृद्धि के परिणामस्वरूप, देश भर के क्रिकेट प्रशंसकों को कीमतों में भारी वृद्धि देखने को मिलेगी। जीएसटी में भारी वृद्धि का मतलब है कि आईपीएल टिकट अब कैसीनो और लक्जरी वस्तुओं के साथ उच्चतम टैक्स श्रेणी में आ जाएंगे।
यह कदम बुधवार को सरकार द्वारा घोषित व्यापक सुधारों का एक हिस्सा है। पहले, अगर आईपीएल टिकट की कीमत 1000 रुपये थी, तो प्रशंसकों को जीएसटी के साथ 1280 रुपये देने पड़ते थे। हालांकि, अब इसी टिकट की कीमत 1400 रुपये होगी – जीएसटी सुधारों के कारण इसमें 120 रुपये की बढ़ोतरी हुई है।
नए जीएसटी ढांचे के तहत आईपीएल टिकट की कीमत
₹500 का टिकट अब ₹640 की बजाय ₹700 का होगा, यानी ₹60 की बढ़ोतरी
₹1,000 का टिकट अब ₹1,280 की बजाय ₹1,400 का होगा, यानी ₹120 की बढ़ोतरी
₹2,000 का टिकट अब ₹2,560 की बजाय ₹2,800 का होगा, यानी ₹240 की बढ़ोतरी
दिलचस्प बात यह है कि यह बढ़ोतरी केवल आईपीएल और अन्य कमर्शियल स्पोर्ट्स लीग जैसे उच्च-मूल्य वाले टूर्नामेंटों पर ही लागू होगी। नियमित घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैचों के टिकटों पर 18% जीएसटी लागू रहेगा, जिससे वे आम प्रशंसकों के लिए कहीं अधिक किफायती बने रहेंगे।
इस बीच, इन सुधारों से सिनेमा प्रेमियों को राहत मिली है क्योंकि 100 रुपये तक के सिनेमा टिकटों पर अब केवल 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। पहले यह 12 प्रतिशत था। हालांकि, 100 रुपये से अधिक कीमत वाले सिनेमा टिकटों पर यह दर 18 प्रतिशत पर रहेगी।
हालांकि सरकार ने विशेष रूप से आईपीएल का उल्लेख किया है, लेकिन यह देखना बाकी है कि जीएसटी में यही बदलाव प्रो कबड्डी लीग और इंडियन सुपर लीग जैसी प्रतियोगिताओं पर भी लागू होगा या नहीं।
हालांकि, इस फैसले ने प्रशंसकों और विश्लेषकों के बीच बहस छेड़ दी है। सरकार इस कदम को रेवेन्यू बूस्ट करने वाला सुधार मान रही है, वहीं क्रिकेट प्रेमियों का तर्क है कि इससे स्टेडियम में आम दर्शकों की पहुंच सीमित हो जाएगी।









